MP High Court to Balaghat Collector: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने एक मामले की सुनवाई पर में तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि, 'कलेक्टर बालाघाट (Collector Balaghat) ने लगभग आधुनिक युग के तुगलक जैसा काम किया है.' जस्टिस विवेक अग्रवाल (Justice Vivek Aggarwal) की एकलपीठ ने कलेक्टर पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है. इस मामले में सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बालाघाट कलेक्टर द्वारा वेयरहाउस अधिग्रहण को अनुचित करार दिया है.


दरअसल, हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'कलेक्टर बालाघाट ने लगभग आधुनिक युग के तुगलक जैसा काम किया और उनका यह कृत्य याद दिलाता है की ऐतिहासिक तुगलक आज भी जिंदा है.' हाईकोर्ट ने कलेक्टर पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए कहा कि, 'कॉस्ट की यह राशि याचिकाकर्ता को दी जाएगी.' इस निर्देश के साथ कोर्ट ने कलेक्टर द्वारा वेयरहाउस का अधिग्रहण करने के आदेश को निरस्त कर दिया. यहां बताते चले कि बालाघाट के साईं बाबा वेयरहाउस ने कलेक्टर द्वारा वेयरहाउस अधिग्रहण करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. 


कलेक्टर के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने दी ये दलील


याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रभांशु शुक्ला ने दलील दी कि, 'कलेक्टर ने कानून का उल्लंघन करते हुए मनमानी तरीके से वेयरहाउस का अधिग्रहण किया है. सरकार ने 2022-23 में धान का भंडारण के लिए एक स्कीम निकाली, जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि वेयरहाउस में धान भंडारण के रखरखाव का काम पीएमएस (संरक्षण, रखरखाव और सुरक्षा) एजेंसी करेगी. सरकार इस संबंध में वेयरहाउस और पीएमएस एजेंसी के साथ अनुबंध करना चाह रही थी, लेकिन अनुबंध होने से पहले ही एजेंसी पीछे हट गई. इसके बाद सरकार वेयरहाउस के ऊपर दबाव डाल रही थी कि धान के रखरखाव का काम वेयरहाउस संचालक करें.'


'कलेक्टर ने बगैर सूचना के वेयरहाउस का किया अधिग्रहण'


याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि, धान के रखरखाव के लिए सरकार एक नया अनुबंध लेकर आई जिसमें रखरखाव की जिम्मेदारी वेयरहाउस संचालकों के ऊपर डाली गई थी. याचिकाकर्ता ने इसका विरोध किया और कहा कि सरकार वेयरहाउस में रखे हुये धान समय पर नहीं उठाती है, जिसके कारण भारी मात्रा में सूखद आती है. इसके एवज में वेयरहाउस संचालकों से भारी भरकम वसूली की जाती है. याचिकाकर्ता ने अनुबंध करने से मना कर दिया तो दिसंबर 2022 में कलेक्टर ने बिना कोई सूचना दिए वेयरहाउस का अधिग्रहण कर लिया.


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