मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बेहद सख्त लहजे में राज्य सरकार से कहा है कि यदि आप बेलगाम सवारी ऑटो पर अंकुश नहीं लगा सकते तो हम किसी अन्य एजेंसी को ये काम सौंप देंगे. हालांकि राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने हाईकोर्ट को उन पर सख्त नियंत्रण का आश्वासन दिया है.
प्रदेश में नियमों का उल्लंघन कर संचालित हो रहे सवारी ऑटो रिक्शा मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल धगट की डिवीजन बेंच ने तल्ख लहजे में सरकार को कहा है कि अगर आपको बेलगाम भाग रहे सवारी ऑटो रिक्शा को नियंत्रण करने में दिक्कत है तो वह किसी अन्य एजेंसी को ये काम सौंप देगा.
सुनवाई के दौरान ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सचिव समेत अन्य अधिकारी भी ऑनलाइन जुड़े हुए थे. याचिकाकर्ता सतीश वर्मा की ओर से अधिवक्ता मनोज पटेल ने कहा कि प्रदेश में बेलगाम सवारो आटो रिक्शा जानलेवा साबित हो रहे हैं. जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में आधे से ज्यादा आटो बिना अनुमति चल रहे हैं. उनमे सवारियां भी ज्यादा बिठाई जा रही है. हाई कोर्ट ने सरकार के रवैये को देखते हुए कुछ और अहम निर्देश भी दिए हैं.
हर सप्ताह हाईकोर्ट करेगी सुनवाई
अब मध्य प्रदेश के बेलगाम ऑटो रिक्शा पर अंकुश लगाने दायर की गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट हर सप्ताह सुनवाई करेगी. यह सुनवाई प्रत्येक सोमवार को पहले नंबर पर लिस्ट की जाएगी. सरकार को हर हफ्ते कंप्लायंस यानी एक्शन टेकन रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य पीठ के समक्ष पेश करनी होगी. आपको बता दे कि पिछली सुनवाई में सरकार ने खुद माना था कि मध्य प्रदेश में 6000 से अधिक ऑटो बिना परमिट के संचालित हो रहे हैं, जबकि याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह संख्या इससे कहीं अधिक है.
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