MPPSC Recruitment 2019: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा-2019 (Prelims and Mains Exams-2019) को निरस्त करने संबंधी 49 याचिकाओं पर आज सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट (High Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस डी डी बंसल की बेंच ने सुनवाई की. याचिकाएं आरक्षित श्रेणी (Reserved Category) के मेरिटोरियस यानी प्रतिभावान परीक्षार्थियों की तरफ से दायर की गई थीं. याचिकाओं में कहा गया है कि 2019 एमपीपीएससी (MPPSC) की प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के जारी परिणामों में असंवैधानिक नियमों को सरकार वापस ले चुकी है.


पीएससी 2019 मुख्य परीक्षा के परिणामों में विवादित नियम


सरकार के असंवैधानिक नियमों में आरक्षित श्रेणी के प्रतिभावान छात्रों को सामान्य श्रेणी (General Category) की मेरिटोरियस सूची में शामिल नहीं किया गया था. विवादित नियम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट में सरकार ने स्पष्ट किया था कि विवादित नियम को वापस ले रही है. बावजूद इसके 31 दिसंबर 2021 को आए 2019 पीएससी मुख्य परीक्षा के परिणामों (PCS Mains Exam Reslut 2019) में विवादित नियमों को लागू कर दिया गया, जबकि सरकार ने वापस लेने का आश्वासन दिया था.


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हाईकोर्ट में 49 याचिकाओं पर बहस, फैसला रखा सुरक्षित


अब जब एमपीपीएससी 2019 के चयनित परीक्षार्थियों का इंटरव्यू कॉल चालू हो गया हैं उस दौरान भी सरकार ने किसी भी प्रकार की कार्यवाही विवादित नियमों के खिलाफ नहीं की. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह के मुताबिक आज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सभी 49 याचिकाओं पर लंबी बहस करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है. अब देखना होगा कि हाईकोर्ट का फैसला कब आता है. हालांकि पूर्व में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पीएससी का परिणाम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेगा.


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