MP High Court: मध्य प्रदेश में पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा पर आपत्ति की जा रही है. राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने सितंबर 2022 में एक आदेश जारी कर माध्यमिक शिक्षा मंडल से सम्बद्ध स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न से कराने कहा है. इस आदेश को हाई कोर्ट (High Court) में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट के जस्टिस एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने राज्य सरकार (State government) को इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने कहा है. हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को एक सप्ताह की मोहलत दी है. मामले पर अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.


बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड
इस मामले में अशासकीय विद्यालय परिवार जबलपुर के अध्यक्ष मोहन नागवानी ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक पंजवानी ने दलील दी कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत विधायिका ने जो नियम बनाए थे, उसके तहत पांचवीं और आठवीं कक्षाओं की परीक्षाएं सामान्य होंगी. इन नियमों का उल्लंघन करते हुए बीच शैक्षणिक सत्र में राज्य शिक्षा केन्द्र ने यह आदेश जारी कर दिया. अकादमिक सत्र के बीच में इस तरह का आदेश बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.



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खरीदनी पड़ेगी नई पुस्तकें
याचिकाकर्ता के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र ने ये आदेश भी दिए हैं कि 7 से 16 नवंबर 2022 के बीच अर्ध-वार्षिक परीक्षा आयोजित करें, जिसके 20 फीसदी अंक मुख्य परीक्षा में जोड़े जाएंगे.अब पांचवीं और आठवीं के छात्र-छात्राओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय भाषा की नई पुस्तकें खरीदनी पड़ेंगी. वर्तमान में इन कक्षाओं में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है. बोर्ड परीक्षा के कारण अब विद्यार्थियों को एसईसीआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें खरीदनी पड़ेगी. इससे परीक्षा परिणाम पर भी असर पड़ेगा.