Jabalpur News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मंदसौर जिले की गैंग रेप पीड़िता को स्कूल फीस के लिए नोटिस भेजे जानें के रवैये पर राज्य सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने मामले में जवाब पेश करने और मामले में सरकार के जरिये और समय मांगे जाने के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगली सुनवाई में हर हाल में सरकार अपना जवाब दाखिल करे. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार के रवैये पर तल्ख टिप्पणी की.
हाईकोर्ट ने कहा कि इतने संवेदनशील और जनहित याचिका के प्रकरण में इस तरह का रवैया शर्मनाक है. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने आगामी सुनवाई की तारीख तक हर हाल में जवाब पेश करने के निर्देश दिए. दरअसल, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गैंग रेप पीड़िता को मुफ्त शिक्षा का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने फीस के लिए नोटिस जारी कर दिया, जिसका समाचार प्रकाशित होने पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लिया और इस आधार पर जनहित याचिका के तौर पर मामले की सुनवाई शुरू की थी.
क्या है मामला?
यहां बताते चले कि मंदसौर जिले में जून, 2018 में सात साल की स्कूली छात्रा का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था और उसके बाद बच्ची से गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया. मामले में दो बार गला काटकर उसकी हत्या की कोशिश तक की गई थी. चिकित्सकों ने समय पर इलाज करके उसे बचा लिया. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पीड़िता बच्ची और उसकी बहन की फ्री स्कूली शिक्षा देने का भरोसा दिलाया था.
स्कूल ने 14 लाख रुपये की फीस का नोटिस
सरकार के आदेश के बाद दोनों का इंदौर के एक निजी स्कूल में एडमिशन करा दिया गया. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन के जरिये 14 लाख रुपये स्कूल फीस बकाया होने का नोटिस भेज दिया गया. हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई हुई, जिसके बाद मामला मुख्यपीठ जबलपुर के समक्ष ट्रांसफर हो गया.
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