जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने जिला अदालतों (District Court) के 1255 पदों पर भर्ती में आरक्षण (Reservation) के मामले में अब सुनवाई 28 जून को नियत की है. हाई कोर्ट ने इसके साथ ही जवाब पेश करने के लिए कोर्ट प्रशासन को अंतिम मोहलत भी दी है. ओबीसी (OBC), एससी (SC), एसटी (ST), दिव्यांग व महिला आवेदकों ने याचिका दायर कर सहायक ग्रेड-थ्री के 1255 पदों की प्रारंभिक परीक्षा के 30 मार्च को घोषित परिणाम की वैधानिकता को चुनौती दी है. उनकी दलील है कि परीक्षा परिणाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है.


क्या है पूरा मामला


एमपी हाई कोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल व जस्टिस पीसी गुप्ता की खंडपीठ ने 23 अप्रैल के अपने अंतरिम आदेश में सभी भर्तियों को विचाराधीन याचिकाओं के अंतिम निर्णय के अधीन किया जा चुका है. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट द्वारा जिला अदालत में स्टेनोग्राफर और सहायक ग्रेड-थ्री के 1255 पदों की प्रारंभिक परीक्षा के 30 मार्च को घोषित परिणाम की वैधानिकता को चुनौती दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह परिणाम भेदभाव पूर्ण आरक्षण लागू करके जारी किया गया है. इस प्रक्रिया में एससी, एसटी, ओबीसी के प्रतिभावान आवेदकों को अधिक अंक प्राप्त करने के बाद भी चयन से वंचित किया गया है. अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ 78 अंक व ओबीसी का कट ऑफ 82 अंक निर्धारित किया गया है. चूंकि असंवैधानिक तरीके से आरक्षण नियम-4 व सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी मामले में दिए गए दिशा निर्देशों के विरुद्ध परिणाम घोषित किया गया, इसलिए यह याचिकाएं दायर की गईं हैं.


याचिकाकर्ताओं की दलील


याचिकाकर्ता ओबीसी, एससी, एसटी, दिव्यांग व महिला आवेदकों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने दलील दी कि मुख्य परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसकी अंतिम तिथि एक जुलाई 2022 है. इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेकर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 जून निर्धारित कर दी है.


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