MP Higher Education Minister Controversial statement: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का मां सीता के जीवन पर दिया गया विवादित बयान प्रदेश की राजनीति में नये बवंडर को जन्म देने वाला साबित हो सकता है. उच्च शिक्षा मंत्री ने उज्जैन के नागदा में कारसेवकों के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मां सीता की तुलना आज की तलाकशुदा पत्नी की लाइफ से कर दी. उन्होंने कहा कि सीता का भूमि में समाना आज के दौर का सुसाइड जैसा मामला है. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि लव-कुश जंगल में पैदा हुए, फिर भी माता सीता ने उन्हें पिता के प्रति श्रद्धा की शिक्षा दी.


आज के दौर में तो नौबत तलाक तक पहुंच जाती है 
हालांकि, शिवराज सरकार में मंत्री मोहन यादव मंच से भगवान श्रीराम और माता सीता के आदर्शों की बात कह रहे थे. माता सीता को लेकर उन्होंने कहा - जिस सीता माता को लंका के राजा रावण से बड़ा युद्ध लड़कर वापस अयोध्या लाए, उन्हीं को भगवान राम ने सीता के गर्भवती होने के बावजूद रघुकुल की मर्यादा के कारण छोड़ दिया. राजधर्म की वजह से माता सीता को वन जाना पड़ा. मां सीता के बच्चों को जंगल में जन्म लेने पड़े. मां सीता ने असीम कष्ट के बावजूद पति के प्रति इतनी श्रद्धावान थी कि वह सभी कष्टों को भूलकर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती रही. भगवान राम के गुणों को बताने के लिए उन्होंने बच्चों को भी संस्कार दिए. आज के दौर में तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर नौबत तलाक के बाद वैवाहिक जीवन की समाप्ति तक पहुंच जाती है.


राजधर्म के लिए कर​ दिया सबकुछ का त्याग 
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा - "अच्छी भाषा में कहा जाए, तो पृथ्वी फट गई, तो माता उसमें समा गई. सरल और सरकारी भाषा में कहा जाए, तो उनकी पत्नी ने उनके सामने शरीर छोड़ा. शरीर त्याग को आत्महत्या के रूप में माना जाता है, लेकिन इतने कष्ट के बावजूद भी भगवान राम ने जीवन कैसे बिताया होगा, जिस सीता के बिना एक क्षण भी कल्पना करना मुश्किल है, उसके बावजूद भी भगवान राम ने राम राज्य के आदर्शें का ख्याल करते हुए अपना जीवन का सुख त्याग दिया." इतना ही नहीं, राजधर्म के लिए उनके सामने ही भगवान लक्ष्मण ने भी प्राण त्यागे, फिर भी रामराज्य चलता रहा.


बता दें कि मोहन यादव के इस बयान पर शिवराज सरकार पर पहले से ही आक्रामक कमलनाथ और अन्य कांग्रेस नेताओं को भाजपा के खिलाफ मौका बोलने का मौका मिल गया है. कमलनाथ राम वन गमन पथ को लेकर शिवराज सरकार पहले से ही हमलावर हैं. उन्होंने ट्विटकर कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो वो तय समय में राम वन गमन पथ का निर्माण कार्य पूरा कराएंगे. 


दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव रविवार को उज्जैन के नागदा पहुंचे थे. वह नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कारसेवकों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. नरेंद्र मोदी खेल प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम में वंदे मातरम् ग्रुप की ओर से 94 कारसेवकों का सम्मान किया गया. इनमें कई दिवंगत हो चुके हैं. उनके परिजनों को नागरिक अभिनंदन व प्रमाणपत्र भेंट किया गया. कारसेवकों के सम्मान में आयोजित समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री के साथ जिला संघ चालक ताराचंद तंवर, कारसेवकों का प्रतिनिधित्व करने वाले रमेश चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह बोर मुंडला भी मौजूद थे. 


MP News: ​मां सीता पर उच्च शिक्षा मंत्री का विवादित बयान, आज की तलाकशुदा पत्नी से कर दी तुलना