(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सिंधिया परिवार के मेहमान बने गृहमंत्री अमित शाह, जयविलास पैलेस में बिताये यादगार पल
सिंधिया परिवार का आमंत्रण स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को ग्वालियर पहुंचे, जहां उनका शाही अंदाज में स्वागत किया गया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को ग्वालियर पहुंचे और उन्होंने ग्वालियर राजघराने का आतिथ्य स्वीकार किया. इसी राज घराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री हैं जबकि अमित शाह के गृह राज्य गुजरात के बड़ौदा राज घराने की राजकुमारी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, राज घराने की बहू यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी हैं. शाह अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान सिंधिया परिवार के महल जयविलास पैलेस भी गए और उन्होंने वहां डेढ़ घंटे से ज्यादा वक्त बिताया और चुनिंदा लोगों के साथ रात्रिभोज भी किया.
शाह ने कहा- सिंधिया के आमंत्रण पर आए हैं
केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद शाह का यह पहला औपचारिक ग्वालियर दौरा था. इससे पहले वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय शिविर में शिरकत करने आये थे लेकिन उसमें उन्होंने शिविरार्थी के रूप में शामिल होने के अलावा किसी अन्य आयोजन में भाग नहीं लिया था. रविवार को वे ग्वालियर में साढ़े चार सौ करोड़ की लागत से बनने वाले एयरपोर्ट के नए भवन की आधारशिला रखने ग्वालियर आये थे. इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ़ कहा - मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया के आमंत्रण पर ग्वालियर आया हूं.
महल पहुंचने पर हुआ शाही ढंग से स्वागत
शिलान्यास स्थल मेला ग्राउंड से कार्यक्रम निपटाने के बाद शाह कार से सीधे सिंधिया परिवार के महल जयविलास पैलेस पहुंचे. यहां पूरा राजसी ठाठ बाठ था. सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे और पुत्र आर्यमन सिंधिया ने परम्परागत शाही अंदाज़ में उनकी आगवानी की. इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया पीछे ही रहे. वहां पहुंचने पर सिंधिया सरकार के परम्परागत बैंड की धुन और मराठा सेना के करतब दिखाते हुए युवक और युवतियों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान सिंधिया राज में उनकी सेना के प्रमुख सरदार रहे लोगों के वारिसों ने कतारबद्ध होकर शाह की अगवानी की. प्रियदर्शनी राजे ने शाह का इनसे परिचय करवाया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री हितानन्द शर्मा को भगवा अंगवस्त्र भेंट किया.
कलश और तिलक से किया स्वागत
महल के में प्रवेश करने से पूर्व दरवाजे पर ही स्वयं प्रियदर्शनी राजे और महान आर्यमन की मौजूदगी में प्रज्ज्वलित दीप के साथ सिर पर कलश रखकर खड़ी बालिकाओं ने उनकी मंगल अगवानी की. परम्परानुसार शाह ने एक सिक्का कलश में डालकर मंगल रस्म पूरी की और फिर तिलक कराकर उनको महल में प्रवेश कराया गया.
मराठा गैलरी का शुभारम्भ किया
इसके बाद शाह ने फीता काटकर सिंधिया म्यूजियम में बनाई गई मराठा गैलरी का लोकार्पण भी किया. उन्होंने पूरी गैलरी का बारीकी से भ्रमण ही नहीं किया बल्कि उस पर आगे पोट्रेट और जानकारियों को देखा और पढ़ा भी. उन्होंने म्यूजियम का अवलोकन भी किया और उसके संधारण और प्रस्तुतिकरण की सराहना भी की. शाह ने इस बाबत अपने उद्गार संग्रहालय में रखी विजिटर बुक में दर्ज भी किये.
डेढ़ घंटे रुके, डिनर भी किया
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने कुल लगभग चार घंटे के ग्वालियर दौरे में से लगभग डेढ़ घंटा सिंधिया राज परिवार के शाही पैलेस में बिताया. म्यूजियम से ही वे सीधे सिंधिया के शाही डायनिंग हॉल में पहुंच गए. यहां उन्होंने भोजन किया. इस डिनर में कुल जमा बाइस लोगों की ही मौजूदगी थी. शाह के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री नितानन्द शर्मा,केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के अलावा सिंधिया समर्थक मंत्री और दो पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और नारायण सिंह कुशवाह मौजूद थे. सिंधिया परिवार ने स्वयं सबको भोजन परोसा और शाह ने लजीज भोजन का आनंद लिया. भोजन में गुजराती डिस भी शामिल की गयी थी.
42 कमरों में बना है यह संग्रहालय
यह संग्रहालय जयविलास पैलेस परिसर में ही स्थित है. जयविलास पैलेस इटली की टस्कन और कोरिंथियन शैली में बना न केवल भारत बल्कि दुनिया के चुनिंदा महलों में से एक है जिसके पूरे वास्तु में राजसी वैभव छलकता है. चार सौ भव्य और विशाल हॉल नुमा कमरों वाले इस के चाली कमरों में दिवंगत राजमाता विजयाराजे सिंधिया द्वारा अपने पति महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की स्मृति में चालीस कमरों में एक म्यूजियम का निर्माण कराया गया था जिसमें सिंधिया राज परिवार की गाथा कहते हुए उनके परिवार से जुड़े सामान आदि को संरक्षित किया गया है. यह म्यूजियम दुनिया के गिने-चुने शाही म्यूजियमों में से एक है जिसे देखने देश-दुनिया से हजारों दर्शक हर वर्ष ग्वालियर पहुंचते हैं.
मराठा शासकों की गौरवगाथा गैलरी
अब इस म्यूजियम में भारत की राजसी सांस्कृतिक विरासत का एक नया अध्याय जोड़ गया है. कुछ वर्ष पूर्व इस म्यूजियम की देखरेख की कमान केंद्रीयमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे ने संभाली है तब से इसका पूरा कायाकल्प हो गया. उन्होंने इसमें लोकल वेंडर्स को प्रमोट करने के लिए फेस्टिबल करना शुरू किये और इसमें मराठा गैलरी की परिकल्पना की. सूत्र बताते हैं कि कोरोना काल शुरू होने के बाद से सिंधिया के बेटे महान आर्यमन सिंधिया ने अपना ज्यादातर समय ग्वालियर के पैलेस में गुजारा. इस मराठा गैलरी का पूरा आकल्पन इन दोनों मां - बेटे ने ही किया है. इसे नाम दिया गया है "गाथा स्वराज की " इस गैलरी को मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज और सिंधिया साम्राज्य के संस्थापक महादजी सिंधिया को समर्पित किया गया है.
30 मराठा शासकों की रियासतों की झलक मिलेगी
भारतीय इतिहास में मराठा शासकों को महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय मौजूदगी रही है. इस गैलरी के जरिये बताया गया है कि शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना कर जो बीजारोपण किया था उसे आगे बढ़ाने का काम महादजी सिंधिया ने किया जब दिल्ली में उन्होंने हिंदवी साम्राज्य का झंडा गाड़ दिया था. इस गैलरी में देश के प्रमुख मराठा शासक सिंधिया ,गायकवाड़ ,होल्कर,नेवालकर,भौंसले और पंवार जैसे तीस मराठा रियासतों के बारे में उल्लेख किया गया है. उस समय इन मराठा शासकों ने मुगलों से जमकर मुकाबला करते हुए लोहा लिया था और अनेक स्थानों पर उन्हें परास्त भी किया था.
उल्लेखनीय यह भी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी गुजरात के गायकवाड़ परिवार से हैं जिसका इस गैलरी में स्थान है. इस गैलरी में एक स्लाइड शो भी तैयार कराया गया है जिसमें मराठा राज्यों के इतिहास को सचित्र स्लाइड के जरिये दिखाने की व्यवस्था की गयी है. ख़ास बात ये भी है इस स्लाइड शो में तीस मराठा रियासतों की शाही पगड़ियों का भी समावेश किया गया है. इसमें सिंधिया राजवंश के महादजी सिंधिया,माधवराव प्रथम,जानकोजीराव ,दौलत राव सहित अन्य योद्धा महाराजों के पोट्रेट भी लगाए गए हैं. इन सबका परिचय हिंदी और अंग्रेजी के अलावा मराठी में भी अंकित किये गए हैं.
सिंधिया के महल में अब झांसी की रानी भी
सिंधिया परिवार की नयी पीढ़ी 1857 की क्रांति और तत्कालीन सिंधिया महाराजाओं के अंग्रेजों से संपर्क और उस क्रांति में उनकी भूमिका को लेकर लगने वाले आरोपों को अब पूरी तरह बदलने में लगी है. स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह कहते हुए इसकी पहल की कि महज एक कविता लिख देने से कोई इतिहास नहीं बदल जाता. ज्योतिरादित्य सिंधिया, सिंधिया परिवार के पहले सदस्य बने जिन्होंने वीरांगना की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि देना शुरू किया और अब जयविलास पैलेस में स्थापित मराठा गैलरी में तैयार की गयी मराठा क्षत्राणियों के स्टेण्ड में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को भी स्थान दिया गया है. इसमें उन्हें मराठा क्षत्राणी के रूप में स्थान दिया गया है. इसमें वीरांगना झांसी की रानी के अलावा सिंधिया रियासत की महारानी रहीं वैजाबाई से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुन्दर और भावनात्मक पोट्रेट लगाय गए हैं.
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