Bhopal News: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपनी ही सरकार के एक फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं. मध्य प्रदेश में बाल आश्रय और बाल संप्रेषण गृहों में रहने वाले बच्चों को खाने में अंडा और चिकन देने के आदेश के बाद उन्होंने बेहद मुखर स्वर में कहा कि,"मध्य प्रदेश में नहीं चलेगा अंडे का फंडा."
क्या कहा गृह मंत्री ने?
कहा जा रहा है कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने पिछले माह की 25 तारीख को बाल सुधार गृह और आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों की देखभाल को लेकर करीब 681 पेजों का आदेश मध्य प्रदेश के राजपत्र में प्रकाशित किया था. रविवार को भोपाल में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने नाराजगी जताई और कहा कि ये जो विषय आया है, इससे भ्रम की स्थिति है. ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं हैं और इसे लागू भी नहीं किया जाएगा. किसी राजपत्र में ऐसी कोई जानकारी प्रकाशित नहीं हुई है. न ही किसी को अंडा और चिकन दिया जाएगा. माना जा रहा है कि गृहमंत्री के बयान के बाद दो विभाग (गृह और महिला बाल विकास) के अफसर पसोपेश में पड़ गए हैं.
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किया जा रहा है विरोध
दरअसल, दो साल पहले कमलनाथ सरकार के दौरान तत्कालीन महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी ने आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा देने की सिफारिश की थी. इसके बाद इस मामले पर बवाल मच गया था. हालांकि, चौतरफा विरोध के बाद महिला बाल विकास विभाग ने इस फैसले को लागू नहीं किया था. इमरती देवी बीजेपी में आने के बाद भी बच्चों को अंडा देने की बात दोहरा चुकी हैं.
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