MP News: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के खौफनाक मामले के बाद से मध्य प्रदेश शासन खासा अलर्ट है. प्रदेश के जिलों में प्रशासनिक अधिकारी अस्पतालों में पहुंचकर औचक निरीक्षण कर रहे हैं. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के भी दिशा निर्देश दे रहे हैं. उज्जैन में पुलिस टीम ने 30 से अधिक अस्पतालों में निरीक्षण किया तो वहीं सीहोर जिला मुख्यालय पर देर रात को कलेक्टर-एसपी जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण पर पहुंचे. इसी तरह भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन सहित अन्य जिलों में भी कलेक्टर-एसपी द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था देखी.
 
सीहोर जिला मुख्यालय पर स्थित ट्रामा सेंटर में कलेक्टर प्रवीण सिंह एवं एसपी मयंक अवस्थी ने रात 10.45 बजे जिला चिकित्सालय पहुंचे. उन्होंने अस्पताल भवन के प्रवेश द्वारों तथा भवन की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने एएनएम ट्रेंनिंग सेंटर की छात्राओं से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली. इसके साथ ही उन्होंने प्रसूति कक्षा का भी जायजा लिया. कलेक्टर सिंह ने और सीसीटीवी कैमरे की संख्या बढ़ाने तथा मेन गेट में लाइट लगाने के निर्देश दिए.


प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा किया जाए ब्यौरा दर्ज 
उन्होंने अस्पताल भवन के पीछे का प्रवेश द्वार बंद रखने के निर्देश दिए. पिछला प्रवेश द्वार केवल उसे आपात परिस्थितियों में आवागमन के लिए उपयोग किया किया जाए और वहां से प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाए. एसपी अवस्थी ने सुरक्षा के मद्दे नजर तीन सिक्योरिटी गार्ड पुलिस बढ़ा दिए हैं. कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी मयंक अवस्थी लगभग 1 घंटे तक अस्पताल परिसर का जायजा लेते रहे. निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ डॉक्टर सुधीर डेहरिया सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे.


उज्जैन पुलिस ने 30 अस्पतालों में की पड़ताल
उज्जैन में पुलिस ने 30 से अधिक निजी और सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया. पुलिस टीम अस्पतालों में जाकर कैमरे, अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था, एंट्री एग्जिट प्वाइंट, आने जाने वालों के नाम नंबर लेने और अस्पताल परिसर में खाली सुनसान जगह है तो उसे देखकर उसके सुरक्षा उपाय कर रही है. उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी थानों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित सरकारी और निजी अस्पतालों की लिस्ट बनाकर अस्पताल में जाएं. 


अटेंडरों के लिए जारी हो पहचान पत्र
अफसरों द्वारा अस्पतालों में निरीक्षण कर निर्देशित किया जा रहा है कि सुरक्षा गार्डों को प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे आपातकालीन परिस्थितियों में सही ढंग से कार्य कर सकें. सुरक्षा गार्डों के साथ ही अस्पतालों में आने वाले अटेंडरों को पहचान पत्र जारी किए जाए, ताकि अनधिकृत लोगों की आवाजाही पर रोक लग सके. सुरक्षा व्यवस्था के साथ लाइट व्यवस्था, स्वच्छ शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की जांच की जाए.


अच्छी क्वालिटी के हो कैमरे
अस्पतालों में सभी आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही कैमरों की नियमित मॉनिटरिंग एवं डेटा सुरक्षित रखने के निर्देश दिए. कैमरे अच्छी क्वालिटी के हो और 24 घंटे चालू रहें. जिन सुरक्षा गार्डों को ड्यूटी पर रखा जाए उनका पुलिस वेरिफिकेशन करा लिए जाए. महिला चिकित्सकों एवं महिला स्टाफ  की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए. जिन महिला चिकित्सकों एवं महिला कर्मचारियों की नाइट ड्यूटी के लिए बुलाया जाए उनके लिए सुरक्षा की दृष्टि से पृथक कक्ष हो तथा पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो.


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