सीहोर: ड्यूटी में लापरवाही बरतना जिले के एक अधिकारी को भारी पड़ गया. मामले में कथित जांच कमेटी की रिपोर्ट में आरोप सही पाये जाने के बाद अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिले में सहकारी विभाग में पदस्थ डीआर भूपेन्द्र सिंह को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया. डीआर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के अंतर्गत आने वाले नसरुल्लागंज के घोघरा जलाशय मामले में लापरवाही बरतने का आरोप है.
जलाशय समिति के निर्वाचन में डीआर पर लापरवाही बरतने का आरोप
बताया जा रहा है कि डीआर ने इस मामले में अनेक लापरवाही और अनियमितताएं की थी. जिसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को भी की गई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंच गया था. सूत्रों के मुताबिक जलाशय की समिति का निर्वाचन होना था, जिसमें अनुसूचित जनजाति के लोगों को बिना सूचना के डीआर द्वारा चुनाव कराए जा रहे थे. सूचना नहीं मिलने के कारण आदिवासी चाहते थे चुनाव स्थगित होकर बाद में हों या उन्हें सूचना मिल जाए उसके बाद चुनाव हों. क्षेत्र के आदिवासियों ने जिले के अधिकारियों से भी इस बारे में निवेदन किया, लेकिन किसी अधिकारी की भी डीआर ने नहीं सुनीं.
जांच में डीआर के खिलाफ आरोप सही पाए जाने के बाद किए गए निलंबित
वहीं भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी डीआर को आदिवासियों के हित में कार्य करने के लिए कहा तो उन्होंने उसे भी नजरअंदाज कर दिया. चर्चा ये भी है कि डीआर भूपेंद्र सिंह ने एक अधिकारी को उल्टा जबाव भी दिया था, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी काफी नाराज बताए जा रहे थे. जांच रिपोर्ट में भी डीआर के खिलाफ सभी आरोप साबित हो गए. इसके बाद कार्रवाई करते हुए डीआर भूपेन्द्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया.
कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने मामले को लेकर कहा कि यह सही है कि डीआर को निलंबित किया गया है. ठाकुर ने बताया कि मछुआरा समिति के चुनाव से संबंधित मामले में शासन की तरफ से कार्रवाई की गई है.
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