MP News: सर्दियों में अगर कोहरा बहुत अधिक हो तो भी ट्रेनों की रफ्तार 75 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम न होगी. यह कमाल हुआ है एक नई फॉग सेफ्टी डिवाइस से. यह ऐसा डिवाइस है जो जीपीएस टेक्नोलॉजी पर काम करता है.इस डिवाइस की मदद से ट्रेनों की अधिकतम गति को लगातार बनाए रखा जा सकता है.पश्चिम मध्य रेल जबलपुर (डब्ल्यूसीआर)में ऐसे 1032 डिवाइस लगाए गए हैं.
सर्दियों में लंबी दूरी वाली ट्रेनों के मुसाफिरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.कोहरे का असर सीधे ट्रेनों की रफ्तार पर होता है.ट्रेन कई-कई घंटे लेट हो जाती हैं.अपने निर्धारित स्टेशन तक पहुंचने से पहले मुसाफिरों की तकलीफें इतनी बढ़ जाती हैं कि उन्हें कई तरह से आर्थिक नुकसान का सामना तक करना पड़ता है.
किया जा रहा फॉग सेफ्टी डिवाइस का उपयोग
इस बीच,बढ़ती ठंड के बीच कोहरा यानी की फॉग का असर ट्रेनों की रफ्तार पर न पड़े इसके रेलवे ने पहले से ही इंतजाम कर लिया है.पश्चिम मध्य रेल की सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक जबलपुर,भोपाल और जबलपुर रेल मंडलों में फॉग सेफ्टी डिवाइस का उपयोग किया जा रहा है, ताकि ट्रेनों की रफ्तार पर कोहरे का असर न हो.कोहरा बहुत अधिक भी हो तो भी ट्रेनों की रफ्तार कम से कम 75 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम न रहे.जबलपुर मंडल के अंतर्गत 338 फॉग डिवाइस लोको पायलटों को बांट दी गई है. इनका उपयोग भी लोको पायलट अपनी सुविधा अनुसार कर सकेंगे.
डिवाइस से लोको पायलटों को मिलेगी राहत
गौरतलब है कि ठंड के सीजन में कोहरे के कारण रेलवे ट्रैक पर दूर-दूर तक धुंध ही धुंध नजर आती है.ऐसे में ड्राइवरों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.इस डिवाइस से लोको पायलटों को बहुत राहत मिलेगी.भोपाल रेल मंडल को 291 डिवाइस दिए गए. कोटा रेल मंडल को 403 डिवाइस दी गई है.इस तरह डब्ल्यूसीआर में 1032 डिवाइस वर्किंग है.
जीपीएस टेक्नोलॉजी पर काम करता है डिवाइस
बताया जाता है कि यह ऐसा डिवाइस है जो जीपीएस टेक्नोलॉजी पर काम करता है.इस डिवाइस की मदद से ट्रेनों की अधिकतम अनुमेय गति को लगातार बनाए रखा जा सकता है.जीपीएस टेक्नोलॉजी से रेलवे ट्रैक का मैप, सिग्नल, स्टेशन और रेल्वे क्रॉसिंग की जानकारी जुड़ी होती है.यह सिस्टम लोको पायलट को ट्रेन चलने के दौरान लेवल क्रॉसिंग और सिग्नल की जानकारी देता रहता है.ट्रेन चलाने के दौरान जब ड्राइवर को एफएसडी से पता चल जाता है कि ट्रैक पर कोई दिक्कत नहीं है, तो वह उसी हिसाब से ट्रेन की गति बढ़ाता है.
डिवाइस के उपयोग की गाइडलाइन बताई गई
लोको पायलट को भी डिवाइस के उपयोग की गाइडलाइन बताई गई है.उन्हें साइन ऑन करने के बाद लॉबी से एफएसडी डिवाइस प्राप्त करना है. डिवाइस चार्ज में लेने से पूर्व यह जांच करना है कि वह फुल चार्ज है या नही.साथ ही उसका साउंड बराबर काम कर रहा है या नहीं.उसका जीपीएस एंटीना टूटा तो नही है.लोको पायलट को इंजन में जा कर एंटीना विंडो से बाहर निकाल कर रूफ में चिपका देना है और उसके बाद फाग डिवाइस ऑन करना है. 2.30 मिनट प्रतीक्षा करने के बाद रुट का चयन करना होगा. जीपीएस सिग्नल आने के बाद एफएसडी अपने आप उस रुट के सिग्नल्स बोलने लगेगा. इसके बाद लोको पायलट इंस्ट्रक्शन सुने और अपने विवेकानुसार कार्य करें.
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