(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इंदौर नगर निगम कर्मचारियों के आर्मी जैसी ड्रेस पहनने पर विवाद तेज, कांग्रेस ने मेयर से मांगा इस्तीफा
Indore News: कांग्रेस ने कहा कि यदि इस तरह की ड्रेस पहनकर कर्मचारी बाजार में अतिक्रमण हटाने जाएंगे और हुज्जत करते नजर आएंगे तो इससे आर्मी के प्रति लोगों के दिल में भाव नकारात्मक आएगी.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) नगर निगम के कर्मचारियों के आर्मी की ड्रेस पहनने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब कांग्रेस मुखर हो गई है. कांग्रेस ने इस प्रकरण को लेकर महापौर और निगम आयुक्त का इस्तीफा मांगा है.
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि नगर निगम में महापौर और आयुक्त की हिटलरशाही चल रही है. शहर हित में जो फैसला लेने होते हैं, वो सभी फैसले एक तरफा हो रहे हैं. इसमें शहर के प्रबुद्ध नागरिकों या प्रतिपक्ष को शामिल नहीं किया जाता है, उनकी राय नहीं ली जाती.
वहीं एबीपी न्यूज से बात करते हुए चिंटू चौकसे ने नगर निगम के कर्मचारियों की ड्रेस को लेकर कहा कि नगर निगम के रिमूवल दस्ते को आर्मी जैसी ड्रेस पहनने के फैसला हुआ है. जबकि होना यह चाहिए था कि नगर निगम पहले हमसे बातचीत करता और विपक्ष को साथ लेकर यह फैसला करता. चिंटू चौकसे ने आगे कहा कि यह जो फैसला किया गया है, यह पूरी तरह से गलत फैसला है. यह भारत की सेना का अपमान करने वाला फैसला है.
कांग्रेस नेता ने क्या कहा?
आर्मी का अपमान हम सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि इस तरह के कपड़े पहनकर यह कर्मचारी बाजार में अतिक्रमण हटाने जाएंगे और हुज्जत करते नजर आएंगे तो इससे आर्मी के प्रति लोगों के दिल में भाव नकारात्मक आएगी. चिंटू चौकसे ने कहा कि पूरे मामले को लेकर विधि विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही इस पर आगे फैसला लिया जाएगा. बुधवार की शाम को नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वहीं उससे पहले ही महापौर ने एक बयान जारी करके यह कह दिया कि जो कुछ फैसला किया गया है वह विधि सम्मत है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला ग्वालियर में भी लिया गया था. वहां पर इस तरह की ड्रेस पहनने के बाद जो कार्रवाई की गई. उसमें अतिक्रमण कारवाई में होने वाले विवादों में कमी आई, उसके बाद यह फैसला इंदौर में लिया गया है जो सही है. उन्होंने कहा कि इस ड्रेस के ऊपर इंदौर नगर निगम या ऐसी ही पहचान वाले शब्द लिखे जाएंगे, जिससे लोगों को लगे कि यह नगर निगम की टीम है.