MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सहित कोरोना काल के पूरे दो सालों के बाद राज्य में लगभग सभी संस्थानों को पूरी तरह ऑफलाइन खोलने और अपने कार्य को करने की छूट दी है. ताजा मामला इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में रैगिंग का सामने आया है. विश्वविद्यालय के रवीन्द्रनाथ टैगोर हॉस्टल के जूनियर छात्रों ने सीनियर छात्रों पर लिखित शिकायत कर आरोप लगाया है कि नशे की हालत में सीनियर छात्र जूनियर छात्रों को खाना लेने बाहर भेजते हैं और परेशान करते हैं. उनकी बात नहीं मानने पर हॉस्टल से निकालने की धमकी भी देते हैं.
शिकायत के बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में बैठक आयोजित की गई. बैठक में निर्णय किया गया कि रैगिंग के मामले की जांच की जाएगी और दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दरअसल,पढ़ाई के दौरान रैगिंग को लेकर सरकार की ओर से कड़े दिशा निर्देश है कि कोई भी सीनियर छात्र अपने जूनियर के साथ रैगिंग ना करें. लेकिन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रविंद्र नाथ टैगोर छात्रावास में 10 से ज्यादा नए सत्र के छात्रों के साथ पुराने छात्रों ने रैगिंग की घटना को अंजाम दिया है. जिसके बाद रैगिंग की घटना की शिकायत विश्वविद्यालय प्रबंधन तक पहुंची और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने आयी हुई शिकायत को एंटी रैगिंग कमेटी को फॉरवर्ड किया है.
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लगाम लगाने का किया जाएगा प्रयास
वहीं घटनाक्रम को लेकर प्रभारी कुलपति अशोक शर्मा ने बताया कि घटना में एक कमेटी बनाने की बात कहते हुए जांच की बात की जा रही है. हालांकि मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने यह भी कहा कि इस मामले में एक बात निकल कर सामने आई है कि छात्रों का आपसी विवाद था. जिसे रैगिंग के नाम पर आगे बढ़ाया गया है.आगे उन्होंने कहा कि एक विशेष दस्ते का गठन तत्काल किया गया है जो कि आकस्मिक छात्रावासों और अन्य संस्थानों का निरीक्षण करेगा और ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने का प्रयास भी करेगा.
बीते दिनों छात्र ने किया था आत्महत्या का प्रयास
बता दें कि कुछ दिन पूर्व रैगिंग से परेशान होकर एक छात्र ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया था. उस घटना के बाद भी रैगिंग का होना कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय का रैगिंग रोकने के प्रति उदासीन होना दर्शाता है.
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