(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सावधान! बिना मास्क घूम रहे लोगों को पहचान लेता है ये डिवाइस, मैसेज देकर ऐसे करता है अलर्ट
कोरोना काल में सरकार की ओर से बार -बार हिदायत दिये जाने के बाद भी जो लोग बिना मास्क घूम रहे हैं. ऐसे लोगों का पता अब मास्क डिटेक्टर लगायेगी.
कोविड-19 से बचाव की हिदायतों की अनदेखी कर सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों को सही राह पर लाने के लिए इंदौर के श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) ने खास यंत्र ईजाद किया है. 'मास्क डिटेक्टर' नाम का यह यंत्र किसी जगह पर मास्क पहने बिना घूम रहे लोगों की उसी समय पहचान कर लेता है और फौरन संदेश बजाकर उन्हें आगाह भी कर देता है.
एसजीएसआईटीएस प्रशासन के मुताबिक स्थानीय प्रशासन इस यंत्र को शहर के कुछ स्थानों पर लगाने पर विचार कर रहा है. एसजीएसआईटीएस के सूचना तकनीकी (आईटी) विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर पूजा गुप्ता और असिस्टेंट प्रोफेसर उपेंद्र सिंह ने इस यंत्र का ईजाद किया है.
गुप्ता ने शुक्रवार को कहा,‘‘मास्क डिटेक्टर सीसीटीवी कैमरे की मदद से काम करता है. विस्तृत अनुसंधान के बाद हमने खास सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो उन व्यक्तियों की उसी क्षण पहचान कर लेता है जो बिना मास्क पहने सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरते हैं.’’
उन्होंने बताया कि मास्क डिटेक्टर ऐसे लोगों को ‘‘कृपया मास्क पहनिए’’ का संदेश बजाकर तत्काल आगाह कर देता है. इसके साथ ही ऐसे लोगों की तस्वीरें इस यंत्र से जुड़े कम्प्यूटर में दर्ज हो जाती हैं.
गुप्ता ने कहा कि प्रशासन चाहे तो वह इन तस्वीरों को सबूत के रूप में इस्तेमाल करते हुए उन लोगों पर जुर्माना लगाने जैसा कदम उठा सकता है जो अपनी और अन्य लोगों की सेहत को खतरे में डालकर सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क के घूमते हैं. उन्होंने कहा,‘‘मास्क डिटेक्टर बनाने में हमें शुरुआती तौर पर 20,000 रुपये की लागत आई है. हालांकि, इसे वाणिज्यिक रूप से बड़े पैमाने पर बनाया जाए तो इसकी लागत घटकर 4,000 रुपये तक पहुंच सकती है.’’
गुप्ता ने बताया कि अलग-अलग लोगों की करीब 75,000 तस्वीरों के परीक्षण पर मास्क डिटेक्टर ने 98.26 फीसदी सटीक परिणाम दिया है. एसजीएसआईटीएस, सरकारी सहायता प्राप्त स्वायत्त संस्थान है. संस्थान के निदेशक राकेश सक्सेना ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने उनसे इंदौर के एक आईटी पार्क में मास्क डिटेक्टर लगाने को कहा है और यह प्रयोग सफल रहता है तो शहर के अन्य स्थानों पर भी इस यंत्र को कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में तैनात किया जा सकता है.
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