Jabalpur News: जबलपुर में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने एक दिव्यांग की जिंदगी में खुशहाली के नए रंग भर दिए. दिव्यांग इस मदद के सहारे अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण कर पा रहा है. सबसे खास बात यह है कि इस शख्स ने विकलांगता को अपने दृढ़ निश्चय के आगे आड़े आने नहीं दिया. गैंगरीन की बीमारी की वजह से अपना बायां पैर गंवा चुके गढ़ाफाटक निवासी 47 वर्षीय दिव्यांग राजेश पटेल की जिंदगी में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने खुशियों के रंग भर दिये. ट्राइसाइकिल पर घूम-घूमकर चाय बेचने का व्यवसाय करने वाले राजेश ने योजना के प्रावधान के तहत मिले 10 हजार रुपये की ऋण राशि चुकता कर दिया तो राजेश को दोबारा 20 हजार रुपये की और ब्याज मुक्त ऋण राशि प्रदान की गई. राजेश खुश है कि इस राशि से वे अपने व्यवसाय को बढ़ाकर पहले से कहीं अधिक आमदनी अर्जित कर सकेंगे.


दिव्यांग राजेश बताते हैं कि कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण उनका चाय का धंधा बंद हो गया था.बची-खुची पूंजी परिवार के भरण-पोषण में खर्च हो गई. दोबारा अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं था. ऐसी स्थिति में उसके मित्रों ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारे में जानकारी दी और उसे नगर निगम की योजना शाखा से संपर्क करने की सलाह दी. राजेश ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया और उसे बिना किसी परेशानी के फिर से व्यवसाय शुरू करने दस हजार रुपये ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त हुआ. राजेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना लाकडाउन की वजह से मुसीबत झेल रहे उस जैसे फेरी लगाकर छोटा-मोटा व्यवसाय करने वालों के लिए बड़ी मददगार साबित हुई.
राजेश ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में एक वर्ष पहले उसे 10 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण व्यवसाय को मिला था, मेहनत करके उसने अपनी कमाई से इस पूरी राशि को चुकता कर दिया और रोजगार दिवस पर एक बार फिर उसे अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 20 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिल गया है.


दिव्यांग राजेश बताते हैं कि ट्राइसाइकिल पर चाय बेचने के इस व्यवसाय में उसे दस से पंद्रह हजार रुपये महीने की आमदनी हो जाती है. इस आय से परिवार का भरण-पोषण करने के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी पूरा हो जाता है. राजेश ने बताया कि उसकी दो बेटियां और एक बेटा है. एक बेटी बी.ए. कर चुकी है, जबकि छोटी बेटी बी.ए. सेकेंड ईयर की छात्रा है. वहीं बेटा सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा दसवीं का छात्र है. चाय बेचने के इस व्यवसाय में राजेश की पत्नी उमा पटैल भी हाथ बंटाती है.आर्डर मिलने पर उमा घर में चाय बनाती है और मैं ट्राइसाइकिल पर गढ़ाफाटक के आसपास की दुकानों चाय पहुंचाता हू . राजेश ने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 20 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया. राजेश का कहना है कि फुटपाथ पर या फिर फेरी लगाकर छोटा-मोटा व्यवसाय करने वालों के लिए ये योजना वरदान बन गई है.


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