Jabalpur High Court News: बच्चा पैदा करने के लिए पति को जमानत पर रिहा करने की मांग संबंधी अपील एक बार फिर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की दहलीज पर आई है. फिलहाल हाईकोर्ट ने उस महिला की याचिका पर सुनवाई जनवरी के प्रथम सप्ताह तक के लिए बढ़ा दी है, जिसने बच्चा पैदा करने के लिए इंदौर की जेल में बंद पति को जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की है. पति की जमानत की मांग करने वाली याचिकाकर्ता महिला सरोगेसी या आईवीएफ जैसी अत्याधुनिक तकनीक से संतानोत्पत्ति चाहती है.


एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष सोमवार (18 दिसंबर) को मामले की सुनवाई हुई. अधिवक्ता बसंत डेनियल ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए दलील दी कि याचिकाकर्ता के पति को खंडवा से जुड़े एक आपराधिक प्रकरण में जेल में बंद किया गया है. याचिकाकर्ता की इच्छा है कि उसके पति को जमानत पर रिहा किया जाए, ताकि वह मां बनने का सुख अर्जित कर सके. याचिकाकर्ता को राजस्थान हाई कोर्ट के नंदलाल संबंधी प्रकरण में पारित न्यायदृष्टांत के अनुरूप राहत मिलनी चाहिए. 


रिपोर्ट में साफ किया गया था कि याचिकाकर्ता महिला की आयु अधिक है
अधिवक्ता डेनियल ने तर्क दिया कि चूंकि संतानोत्पत्ति याचिकाकर्ता का मौलिक अधिकार है, अतः उसकी मांग पूरी की जाए. गौरतलब है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान हाई पावर कमेटी गठित की थी, जिसमें मेडिकल कॉलेज जबलपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल थे. उनकी रिपोर्ट में साफ किया गया था कि याचिकाकर्ता महिला की आयु अधिक है, ऐसे में संतान उत्पत्ति की प्रक्रिया हाई रिस्क हो सकती है. 


इस तथ्य के प्रकाश में आने के बाद याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से सरोगेसी व आईवीएफ जैसी अत्याधुनिक तकनीक से संतानोत्पत्ति के लिए महिला के पति को जमानत की अनुमति मांगी है.


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