MP IAS News: मध्य प्रदेश के तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि इन तीन अधिकारियों ने जबलपुर में 2007 से 2012 में अपनी पदस्थापना के दौरान गलत तरीके से आदिवासियों की जमीन को बेचने की अनुमति प्रदान की थी.


लोकायुक्त को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ जमीन गैर कानूनी तरीके से गैर आदिवासियों को बेची गई थी. इस मामले में तत्कालीन एडिशनल डिस्टिक मजिस्ट्रेट बसंत कुर्रे, दीपक सिंह और ओ पी श्रीवास्तव के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामले की शिकायत लोकायुक्त को दी गई थी.


जमीन बेचने की अनुमति कौन दे सकता है?


लोकायुक्त की टीम ने जब शिकायत की जांच की तो पता चला कि भू राजस्व संहिता में आदिवासियों की जमीन को किसी सामान्य वर्ग के खरीदार को बेचने के लिए सिर्फ कलेक्टर ही अनुमति दे सकता है. लेकिन, 2007 से 2012 के बीच में जबलपुर में आदिवासी जमीन को सामान्य वर्ग को बेचने की अनुमति देने का अधिकार एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दे दिया गया था, जिसकी वजह से इन तीनों अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीनों को सामान्य वर्ग को बेचने की अनुमति दी.


लोकायुक्त एसपी संजय साहू के मुताबिक जांच के बाद इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया है. अब इस मामले में विस्तृत जांच करके न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा. आरोप है कि कुंडम इलाके में आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति दी थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर जबलपुर लोकायुक्त ने केस दर्ज किया है.  


प्रतिवेदन पर मामला दर्ज


इस मामले में कलेक्टर से शिकायत की गई है. शिकायत के आधार पर मामले की जांच कर मौजूदा एडीएम ने जांच कर प्रतिवेदन जबलपुर लोकायुक्त को दिया था. इस प्रतिवेदन के आधार पर तीनों आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. 


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