MP News: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना (ayushman bharat scheme) में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. जिसके बाद रविवार देर रात जबलपुर के सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल (Central India Kidney Hospital) की संचालिका डॉ. दुहिता पाठक और उनके पति डॉ. अश्विनी पाठक को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं,आयुष्मान योजना में डमी मरीजों को भर्ती करने के आरोप में होटल वेगा का एक हिस्सा सील कर दिया गया है. इसके साथ ही अस्पताल का पंजीयन भी निरस्त कर दिया गया है.


दंपति पर दर्ज किया गया मामला
बारात घर में चल रहे एक अन्य शीतल छाया अस्पताल के खिलाफ भी पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की गई है. सीएसपी प्रभात शुक्ला के मुताबिक एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर छापेमारी की गई थी. कार्रवाई के दौरान आयुष्मान योजना के मरीज होटल वेगा में भर्ती किए जाने के प्रमाण मिले थे. इस संबंध में चिकित्सा विभाग द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी. जिसके बाद रविवार देर रात अस्पताल संचालिका डॉ. दुहिता पाठक और उनके पति डॉ. अश्विनी पाठक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 474 और मप्र उपचार्थ गृह और रुजोपचार्य संबंधी स्थापना अधिनियम की धारा 8 व 10 के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया है.


MP News: मध्य प्रदेश के इन जिलों में बाढ़ से नहीं मिलेगी राहत, फिर खुले बरगी डेम के गेट, बारिश का दौर भी शुरू


अस्पताल छोड़कर जा चुके डॉक्टरों का भी लिखा जा रहा था नाम
जांच में खुलासा हुआ कि सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में उन चिकित्सकों के नाम भी मरीजों की फाइलों में लिखे जा रहे थे, जो अस्पताल छोड़कर जा चुके हैं या फिर अस्पताल से उनका कोई नाता नहीं है. जांच में इस की पुष्टि डॉ. संदीप भगत द्वारा की गई कि वे अगस्त 2020 से सेंट्रल किडनी अस्पताल में मरीजों को देखने नहीं जा रहे थे लेकिन मरीजों की फाइलों में उनका नाम इलाज करने वाले चिकित्सक के रूप में दर्ज किया जा रहा था.


लैब डायरेक्टर के डिजिटल साइन
जांच के दौरान पता चला कि मरीजों की फाइलों में लगी पैथोलॉजी रिपोर्ट में लैब डायरेक्टर के रूप में डॉ. वंदना खन्ना,डीसीपी के डिजिटल साइन लगाए गए हैं. इस मामले में डॉ. वंदना ने बाकायदा पत्र लिखकर लैब से संबंधित होने से इनकार किया. इसी तरह पैथोलॉजी रिपोर्ट में कंसल्टिंग पैथोलॉजिस्ट के रूप में डॉ. संजय तोतड़े के भी डिजिटल साइन थे जबकि उनके द्वारा अप्रैल 2020 से अस्पताल में अपनी सेवाएं न देने का पत्र दिया गया था.


दी अस्पतालों के लाइसेंस रद्द
फर्जी मरीजों को भर्ती करके आयुष्मान योजना का अनाधिकृत लाभ उठाने के आरोप में राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा के अनुसार इस निजी हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही समीप स्थित होटल वेगा को अनाधिकृत रूप से अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करने और प्रोविजनल फायर एनओसी की अवधि समाप्त हो जाने और टेम्परेरी फायर एनओसी न होने के कारण भी की गई है. 


उन्होंने बताया कि सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के अलावा मालवीय चौक स्थित शीतल छाया हॉस्पिटल का भी पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. इस निजी अस्पताल का पंजीयन टेम्परेरी फायर एनओसी प्रस्तुत न कर पाने, बारातघर का अस्पताल के रूप में उपयोग करने और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन का उल्लंघन करने की वजह से निरस्त किया गया है.
     
किया गया लाइसेंस निरस्त
दोनों निजी हॉस्पिटल की पंजीयन निरस्त करने की यह कार्यवाही मध्यप्रदेश उपचर्यागृह और रुजोपचार संबंधी स्थापनाएं ( रजिस्ट्रेशन तथा अनुज्ञापन ) अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई है. इस बारे में आदेश भी जारी कर दिये गये हैं. आदेश में दोनों अस्पतालों के प्रबंधन को नए मरीज भर्ती नहीं करने और भर्ती मरीजों को समुचित उपचार के बाद डिस्चार्ज करने और इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को देने के निर्देश दिये गये हैं.


Koriya News: मातम में तब्दील हुई पिकनिक की खुशी, रमदहा वाटरफॉल में तीन लोगों की डूबने से हुई मौत