Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय है, जो अब अपने अजब-गजब कारनामे के लिए सुर्खियों में आ गया है. यूं तो यह विश्वविद्यालय एग्जाम और रिजल्ट में लेटलतीफी के लिए बदनाम है, लेकिन अब प्रशासन ने कुछ ऐसा किया कि आप भी जानकर दंग रह जाएंगे. दुर्गावती विश्वविद्यालय अपने एक डिप्टी डायरेक्टर और सैनिटरी इंस्पेक्टर को रिटायर करना ही भूल गया. बड़ी लापरवाही उजागर होने के बाद अब आनन- फानन में रिटायरमेंट के लिए नोटशीट तैयार की जा रही है.


रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. विश्वविद्यालय के जिम्मेदार पहले जहां डिप्टी डायरेक्टर (एचआरडीसी) को सेवानिवृत्त करना भूल गये थे. वहीं, इस बार एक कर्मचारी को रिटायर करना भूल गये. पिछले दिनों जब यह केस विश्वविद्यालय के अधिकारियों की जानकारी में आया तो हड़कंप मच गया. इसके बाद आनन-फानन में कर्मचारी की सेवानिवृत्ति को लेकर नोटशीट तैयार की गई.


अगस्त में होना था रिटायर, नवंबर में आया याद
सबसे पहले ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (HRDC) का मामला सामने आया था. यहां की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राजेश्वरी राणा को अगस्त में सेवानिवृत्त हो जाना था, लेकिन विश्वविद्यालय के स्थापना विभाग को नवंबर में उनके रिटायरमेंट की याद आई. हालांकि, इस केस में कुछ भ्रम की स्थिति बनी थी, जिसका निराकरण अभी नहीं हुआ है.


दूसरा मामला रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में पदस्थ सैनिटरी इंस्पेक्टर राधेश्याम यादव का है. उनकी सेवानिवृत्ति 30 जुलाई 2022 को होनी थी, लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी स्थापना विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उन्हें सेवानिवृत्त नहीं कर पाए. इतना ही नहीं, उक्त सैनिटरी इंस्पेक्टर की सेवाएं अभी तक ली जा रही हैं और हर महीने वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है. सेवानिवृत्ति के करीब 6 महीने पहले जो नोटिस भेजा जाता है, वह भी उन्हें नहीं भेजा गया.


वरिष्ठता सूची में कर्मियों का नाम नहीं
वहीं, रजिस्ट्रार ब्रजेश सिंह का कहना है कि एक कर्मचारी के मामले में जब जांच की गई तो इसमें लापरवाही सामने आई है. इससे पहले वरिष्ठता सूची में कर्मी का नाम नहीं था. संबंधित विभाग के कर्मचारी को नोटिस जारी किया गया है. इसमें जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी.


इन दोनों केसेस के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर अब सवाल उठाए जाने लगे हैं. इससे यह लग रहा है कि यहां के स्थापना विभाग के पास कर्मचारियों की सर्विस बुक तक ठीक से अपडेट नहीं है, जबकि नियमानुसार नये साल की शुरुआत में ही लिस्ट तैयार हो जानी चाहिए कि इस साल किस महीने में कौन से अधिकारी-कर्मचारी की सेवानिवृत्ति होने हैं.


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