MP Cabinet Meeting: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) की लगातार चेतावनी के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की कैबिनेट की मीटिंग में शराब नीति (MP Liquor Policy) को लेकर बड़े फैसले हुए हैं. मध्य प्रदेश में अब शराब के अहाते बंद होंगे और शराब की दुकान पर किसी प्रकार की शराब खोरी नहीं की जा सकेगी. इसके अलावा धार्मिक स्थल, हॉस्टल, शैक्षणिक संस्था से 50 मीटर के बजाय 100 मीटर दूरी पर शराब की दुकान करने के निर्देश भी जारी हो गए हैं. 


चुनाव से पहले शराब नीति में बड़े बदलाव
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में जो बैठक हुई है, उसमें शराब नीति को हतोत्साहित करने वाला बनाया गया है. उन्होंने कहा कि साल 2010 से अभी तक मध्य प्रदेश में कोई भी शराब की नई दुकान नहीं खुली है. इसके अलावा नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान 64 दुकानों को बंद किया गया है. उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों पर केवल बिक्री की जा सकेगी. दुकानों पर बैठकर मदिरा पिलाने का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. शराब के सभी आहते भी बंद करने के निर्देश जारी हो गए हैं. 


शैक्षिक संस्थानों से 100 मीटिर दूर होगी शराब की दुकान


उन्होंने कहा कि पहले मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थल, हॉस्टल और सभी शैक्षणिक संस्थाओं तथा शराब की दुकान के बीच 50 मीटर की दूरी रखी जाती थी लेकिन हम इस दूरी को भी बढ़ाकर 100 मीटर कर दिया गया है. गौरतलब है कि शराब नीति को लेकर लगातार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर हो रही थी. इसी के चलते विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने शराब की नीति में बड़े बदलाव किए हैं. 


इन मुद्दों पर भी लिए गए महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट की बैठक में   इसके अलावा पशु हानि को लेकर भी मुआवजा राशि बढ़ा दी गई है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक ग्वालियर में नवीन तहसील का सर्जन करने के निर्देश जारी हो गए. तहसील कार्यालय बनाने के लिए 6 लाख रुपए की स्वीकृति हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में ग्वालियर में नई तहसील बनाने की घोषणा की थी. इसके अलावा सतना मेडिकल कॉलेज में 150 एमबीबीएस सीट के लिए 750 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा. इसके लिए 1589 पद स्वीकृत कर दिए गए हैं. इसके अलावा 72 करोड़ की राशि भी स्वीकृत कर दी गई है. मध्य प्रदेश की सड़कों की मरम्मत के लिए 4160 की स्वीकृति दी गई है.


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