MP Liquor Scam: मध्य प्रदेश में सिंडिकेट बनाकर महंगी बेची जा रही शराब, EOW के स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा
जांच एजेंसी ने एफआईआर में पांच शराब ठेकेदारों मां नर्मदा एसोसिएट्स, मेसर्स संदीप यादव, नरेंद्र कुमार रजक, अमन जायसवाल और आकर्ष जायसवाल को आरोपी बनाया है.इनके खिलाफ विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है.
MP Liquor Scam: मध्य प्रदेश में सिंडिकेट बनाकर मुनाफाखोरी करने वाले शराब कारोबारियों पर सरकार ने नजरें टेढ़ी कर ली है. राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने जबलपुर के 5 शराब कारोबारियों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन करने के बाद धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया है. स्टिंग के दौरान शराब कारोबारियों को एमआरपी से 130 और 140 रुपये ज्यादा कीमत लेकर बड़े ब्रांड की अंग्रेजी शराब बेचते पकड़ा गया.
ईओडब्ल्यू के डीएसपी मंजीत सिंह ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि ये एफआईआर मंगलवार को दर्ज की गई. आईपीसी की धारा 120 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच एजेंसी ने एफआईआर में पांच शराब ठेकेदारों- मां नर्मदा एसोसिएट्स, मेसर्स संदीप यादव, नरेंद्र कुमार रजक, अमन जायसवाल और आकर्ष जायसवाल को आरोपी बनाया है. इनके खिलाफ विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है. ईओडब्ल्यू के स्टिंग में इन पांच शराब ठेकेदारों की दुकानों में अंग्रेजी शराब की एक बोतल पर एमआरपी से 140 रुपए तक ज्यादा वसूली की जा रही थी.
पांच दुकानों में किया स्टिंग
यहां बता दें कि EOW को लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर जांच एजेंसी के अधिकारियों ने एक टीम बनाकर शहर की शराब दुकानों का स्टिंग किया. टीम ने पाया कि शहर की 5 दुकानें निर्धारित दाम से अधिक दाम पर शराब बेच रही है. इसके बाद EOW की टीम ने पांच शराब ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की.
ग्राहक बनकर दुकान गए अधिकारी
ईओडब्लू की टीम ने ग्राहक बनकर शराब दुकानों से एक ही ब्रांड की शराब की बोतल खरीदी, लेकिन दुकानदारों ने शराब की बोतल में लिखी एमएसपी से करीब 140 रुपये अधिक दाम पर शराब की बोतल बेची. सबूत जुटाने के लिए टीम ने बकायदा इसके लिए ऑनलाइन पेमेंट की थी.
करोड़ों की अवैध कमाई
अधिकारियों ने बताया कि एक दुकान पर अंग्रेजी शराब की बोतल 2,280 रुपये में मिली, जबकि बोतल पर एमएसपी 2,149 रुपये थी. दूसरी दुकान में यह 2,275 रुपये में बेची जा रही थी. अधिकारियों ने साक्ष्य एकत्र किए और उसे ईओडब्ल्यू अधिकारियों को सौंप दिया. शुरुआती पड़ताल में अकेले जबलपुर जिले में ये मामला हर साल करोड़ो रुपये की राजस्व चोरी से जुड़ता नजर आ रहा है. EOW की इस कार्रवाई से शराब ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है.
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