Madhya Pradesh Urban Body Elections 2022: कांग्रेस ने इस बार मध्य प्रदेश में तीन विधायकों को महापौर का टिकट देकर उन पर दांव लगाया है. इन विधायकों को महापौर का चुनाव लड़ने के एक साल बाद फिर से विधानसभा चुनाव लड़ने पड़ सकते हैं. विधायकों को महापौर का टिकट दिए जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर 16 में से 15 महापौर के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. इनमें मध्य प्रदेश के तीन युवा विधायकों को महापौर का टिकट दिया गया है. इनमें सतना के सिद्धार्थ कुशवाहा, इंदौर के संजय शुक्ला और उज्जैन के महेश परमार शामिल है. तीनों विधायकों को महापौर का चुनाव लड़ने के बाद विधानसभा का चुनाव फिर लड़ पड़ सकता है. 


कांग्रेस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में मौजूदा विधायकों का टिकट नहीं कटेगी. इसी के चलते कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले विधायकों को महापौर का दायित्व भी निभाना पड़ेगा. पार्टी के टिकट वितरण को लेकर पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने बताया कि इस बार पार्टी ने युवा उम्मीदवारों को ज्यादा टिकट दिए है, इनमें तीन विधायक भी शामिल है. अगर विधायकों में महापौर बनने की काबिलियत है तो उन्हें भी मौका दिया जाना ही चाहिए. 


विधायकों को संभाल कर रखना चाहती है कांग्रेस!


जब पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू से यह सवाल पूछा गया कि चिंतन शिविर में यह फैसला लिया गया था कि एक व्यक्ति को एक ही पद दिया जाएगा तो उन्होंने चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा कि जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट दिया जाना पार्टी की पहली प्राथमिकता है. कमलनाथ सरकार विधायकों की नाराजगी के कारण अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी. माना जा रहा है कि अब पार्टी मौजूदा विधायकों को नाराज नहीं करना चाहती है, इसलिए विधायकों ने जहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की, उन्हें वहां से टिकट दे दिया गया.


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विधायक, महापौर और फिर सांसद


मौजूदा विधायकों को टिकट मिलने से अंदरूनी तौर पर पार्टी में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं. अगर उज्जैन की बात की जाए तो यहां से मौजूदा विधायक महेश परमार को महापौर का टिकट दिया गया है. अगले वर्ष विधानसभा चुनाव भी महेश परमार लड़ सकते हैं. माना जा रहा है कि दोनों चुनाव में कामयाबी मिलने पर पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर भी महेश परमार का नाम आगे बढ़ा सकती है. इसी तरह इंदौर के संजय शुक्ला विधायक के बाद महापौर की सीढ़ी चढ़कर लोकसभा चुनाव का भी टिकट पक्का कर सकते हैं. 


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