MP News: लोकसभा चुनाव से पहले EVM पर बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ा संग्राम, क्या बोले उज्जैन के वोटर्स?
MP Politics: लोकसभा चुनाव में महज कुछ महीने बचे हैं. आम चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर बहस छिड़ गई है. बीजेपी ने ईवीएम वोटिंग को पूरी तरह पारदर्शी बताया है.
Ujjain News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद सियासी पार्टियां लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. आम चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर एक बार फिर से आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है. राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कांग्रेस के कई नेता मतपत्र के जरिए मतदान कराए जाने की मांग कर रहे हैं. ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर आम लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. वहीं कुछ लोगों ने कांग्रेस नेताओं को अपनी कार्यशीली सुधारने तक की नसीहत दे डाली है.
मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर बहस छिड़ गई है. कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए गंभीर आरोप लगा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि मतपत्र के जरिए अगर चुनाव होगा तो परिणाम कुछ और ही सामने आएंगे. इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दिग्विजय सिंह के साथ खड़े दिखाई पड़ रहे हैं. दूसरी तरफ मतदाताओं इन आरोपों पर हैरानी जताई है.
'कांग्रेस को कार्यशैली बदलने की जरुरत'
उज्जैन के महाश्वेता नगर में रहने वाली भारती देवी ने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेताओं को यह समझना चाहिए कि उन्हें अब अपनी कार्यशैली बदलने की जरूरत है. महानंदा नगर में रहने वाले राजेश सिंह के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर आरोप लगाने वालों को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि ईवीएम के जरिए उनके परिवार के सदस्य कैसे चुनाव जीत गए? पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र विधायक है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र सांसद है.
बीजेपी-कांग्रेस ने एक दूसरे पर लगाए ये आरोप
भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनिल जैन के मुताबिक, कांग्रेस पर किसी को भरोसा नहीं है. यहां तक कि उन्हें अपने नेताओं पर भी विश्वास नहीं है, इसीलिए कांग्रेस की ऐसी हालत हो गई है. उनका कहना है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पूरी तरह से पारदर्शी है. मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. जब 2018 में कांग्रेस की सरकार बन गई थी उस समय पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने ऐसे प्रश्न क्यों नहीं उठाए थे? कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से विदेश में भी चुनाव प्रक्रिया रुक चुकी है. बीजेपी के नेताओं को एक बार मत पत्र से मतदान करने में क्या हर्ज है?
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