Indore Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर जीत से बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में उत्साह है. इसी क्रम में इंदौर में सबसे बड़ी जीत पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इंदौर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत का श्रेय अक्षय कांति बम को दिया. 


दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को प्रत्याशी बनाया था. लोकसभा चुनाव के नाम वापसी के आखिरी दिन अक्षय कांति बम ने बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ जाकर अपना नामांकन वापस ले लिया था. रमेश मेंदोल का शुमार कैलाश विजयवर्गीय के करीबी नेताओं में होता है.


'लालवानी की जीत में अक्षय बम का पूरा सहयोग'
इसके थोड़ी देर बाद अक्षय कांति बम ने कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने एक आयोजन में कहा कि अगर शंकर लालवानी को इतनी बड़ी जीत मिली है, तो उसमें अक्षय कांति बम का पूरा सहयोग है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमें इस बात के लिए अक्षय कांति बम का स्वागत करना चाहिए. 


बता दें, इंदौर लोकसभा सीट से शंकर लालवानी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 11 लाख 75 हजार वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की. इंदौर में करीब साढ़े 15 लाख वोट डाले गए थे, जिसमें दो लाख वोट नोटा पर पड़े थे. शंकर लालवानी की यह जीत मध्य प्रदेश में वोटों के मार्जिन से सबसे बड़ी जीत है.


अक्षय कांति बम ने लिया था नामांकन वापस 
इसके बाद अक्षय कांति बम ने मीडिया से कहा था कि मेरे खिलाफ जनता में गलत संदेश जा रहा है, इसलिए मीडिया के सामने आया हूं. मैं अकेले चुनाव नहीं लड़ सकता था. मुझे पार्टी का सहयोग नहीं मिला. मेरा 23 मार्च को टिकट फाइनल हुआ, लेकिन 24 से लेकर 29 मार्च तक मैं और मेरी टीम अकेले ही जनसंपर्क करती रही.


अक्षय बम ने कांग्रेस पर लगाए थे ये आरोप
कांग्रेस छोड़ने पर अक्षय कांति बम ने लोगों से हो रही आलोचना पर कहा था कि अकेला उम्मीदवार कैसे चुनाव लड़ सकता था. मुझे रणछोड़दास या गद्दार कहा जा रहा है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरे उम्मीदवार बनने के बाद सब्टीट्यूट कैंडिडेट के तौर पर मोती पटेल को उतारा गया. इसका मतलब यह कि मुझ पर पार्टी ने भरोसा नहीं जताया था.


अक्षय कांति बम ने दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से लोकसभा चुनाव में कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत मैंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से एक नही तीन बार की थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की बात भी नहीं सुनी गई. कांग्रेस अनुशासन विहीन पार्टी है, जहां निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. अक्षय बम ने कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय से सहयोग मिलने के बाद मैंने अपना नाम वापस ले लिया.


ये भी पढ़ें: कांग्रेस नेताओं ने की शिवराज की तारीफ, तो बीजेपी का आया यह चौंकाने वाला बयान