Lok Sabha Election 2024: 'अगर हिम्मत है तो कैलाश विजयवर्गीय...', जीत को लेकर क्या बोले इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी कांति बम?
MP Lok Sabha Election 2024: इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को टिकट दिया है. वहीं बीजेपी ने यहां से शंकर लालवानी को चुनावी मैदान में उतारा है.
Madhya Pradesh Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा और उम्मीदवारों की घोषणा के साथ नेताओं के जुबानी हमले भी तेज होते जा रहे हैं. प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. इस बीच मध्य प्रदेश की लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय को चुनौती दी है.
अक्षय कांति बम ने कैलाश विजयवर्गीय के आठ लाख से चुनाव जीतने के दावे का पलटवार किया. उन्होंने कहा, "कैलाश विजयवर्गीय में हिम्मत है तो लिख कर दें नहीं तो इस्तीफा देने को तैयार रहें." दरअसल, इंदौर लोकसभा चुनाव के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने आज कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं नेताओं से मुलाकात की और चुनाव में काम करने की अपील की.
अक्षय बम ने कहा कि लोकसभा चुनाव दमदारी से लड़ा जाएगा. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को साथ रखकर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी अनर्गल बयान देकर जनता को भ्रमित कर रही है. लेकिन इतिहास दोहराया जाएगा और इंदौर लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी की विजय होगी.
'बीजेपी ने नहीं पूरे किए वादे'
इसके अलावा इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने का सपना देख रही है. लेकिन उन्हें अपने ही 2014 और 2019 के संकल्प पत्र को देखना चाहिए कि बीजेपी सरकार ने कितने वादे पूरे किए. आज महंगाई चरम सीमा पर है, युवा बेरोजगार है, व्यापारी,किसान,मजदूर परेशान हैं. महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. लेकिन बीजेपी नेता चुनाव जीतने के सपने देख रहे हैं.
'कांग्रेस एकजुट होकर लडे़गी'
वहीं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इंदौर में कांग्रेस पार्टी एकजुट है और दमदारी से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. बैठक के बाद वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस प्रत्याशी ने राजवाड़ा स्थित अहिल्या माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
विधानसभा में मांगा था टिकट
कांग्रेस ने निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 4 से अक्षय कांति बम को विधानसभा का टिकट नहीं दिया था और अंतिम समय में राजा मंधवानी को मैदान में उतारा था. अक्षय के समर्थकों ने पार्टी के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ.
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