MP Lok Sabha Election 2024: बीजेपी के हुए कमलनाथ के 'राइट हैंड' दीपक सक्सेना, अब किस तरफ होगा रोहाना का झुकाव?
MP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव से पहले एमपी में कांग्रेस के कई नेता और पदाधिकारी बीजेपी में शामिल हो चुके है. अब पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी और चार बार के विधायक ने भी पाला बदल लिया है.
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में दलबदल की राजनीति का दौर जारी है. बीजेपी लगातार पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में सेंध लगाने में सफल रही है. अब बीजेपी ने छिंदवाड़ा से एक ऐसे व्यक्ति को अपने पाले में कर लिया है जो पू्र्व सीएम कमलनाथ का दायां-बायां हाथ कहलाता रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे करीबी माने जाने वाले दीपक सक्सेना ने भी शुक्रवार (5 मार्च) बीजेपी का दामन थाम लिया है. दीपक सक्सेना छिंदवाड़ा के रोहाना में अच्छी खासी पैठ रखते हैं. रोहाना में अब तक बीजेपी वोटों के लिए तरसती रही है, लेकिन अब दीपक सक्सेना के बीजेपी में आने से स्थिति असमंजस में बदल गई है कि अब रोहाना के मतदाता किस पाले में जाएंगे.
बेटे के बीजेपी में जाते ही लग रहे थे कयास
इससे पहले पूर्व सीएम कमलनाथ के बेहद करीबी माने जाने वाले दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना ने 21 मार्च को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. इसी दिन दीपक सक्सेना ने भी कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. तभी से कयास लगाए जा रहे थे अब जल्द ही दीपक सक्सेना भी बीजेपी का दामन थाम लेंगे.
कमलनाथ ने की थी मनाने की कोशिश
हालांकि दीपक सक्सेना को मनाने के लिए दो दिन पहले ही कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के पांच विधायकों को लेकर दीपक सक्सेना के घर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने दीपक सक्सेना को मनाने के काफी प्रयास किया था, लेकिन कमलनाथ के प्रयास असफल साबित हुए. शुक्रवार को सभी कयासों पर विराम लगाते हुए दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में बीजेपी ज्वाइन कर ली.
चार बार विधायक रह चुके दीपक सक्सेना
बता दें, दीपक सक्सेना चार बार कांग्रेस से विधायक रहे. उन्होंने कुल 7 बार विधानसभा का चुनाव लड़ा.दीपक सक्सेना दिग्विजय सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं. साल 2018 में उन्होंने छिंदवाड़ा सीट से विधानसभा का चुनाव जीता था, लेकिन बाद में कमलनाथ के लिए विधायकी से इस्तीफा दे दिया था. बाद में उपचुनाव में कमलनाथ छिंदवाड़ा से जीतकर सीएम पद पर बने रहे.
दीपक सक्सेना, कमलनाथ सरकार में प्रोटेम स्पीकर के पद पर रहे. इससे पहले वह कॉपरेटिव बैंक के दो दशक तक चेयरमैन भी रह चुके हैं. हालांकि अब उन्होंने कमलनाथ का साथ छोड़ दिया है. ऐसे में रोहाना के मतदाता किस पाले में जाएगी, इसको लेकर सियासी गलियारों में बहस छिड़ गई है.