Bhopal Lok Sabha Election: चर्चा में रहने वाली भोपाल सीट पर सियासी शोरगुल के बीच सन्नाटा, जानें क्या है वजह?
Bhopal Lok Sabha Election 2024: भोपाल लोकसभा सीट हमेशा से चर्चा में रही है. पिछले चुनाव के मुकाबले यहां सियासी शोरगुल कम है. इस बार कांग्रेस-बीजेपी के किसी बड़े नेता ने यहां पर सभा नहीं की है.
Bhopal Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दल और उनके प्रत्याशी जोरशोर से तैयारियों में जुटे हैं. मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं. यहां पर चार चरणों में मतदान होगा और मतों की गणना 4 जून को होगी. प्रदेश की कई सीटों पर सियासी घमासान है, उन्हीं में से एक है भोपाल संसदीय है.
लोकसभा चुनावों के दौरान पूरे देश का केंद्र बिंदु रहने वाली भोपाल संसदीय सीट पर बार सियासी शोरगुल पूरी तरह से खामोश है. बीजेपी ने यहां से आलोक शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को टिकट दिया है. बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा भोपाल के महापौर रहने के साथ ही दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, उनके मुकाबले अरुण श्रीवास्तव ज्यादा चर्चित नहीं है.
भोपाल सीट 2019 में रही चर्चा का केंद्र
बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल लोकसभा सीट खूब चर्चा में रही थी. 2019 में बीजेपी ने यहां से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाया था, जबकि उनके सामने कांग्रेस से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मैदान में थे. इस चुनाव में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को लगभग साढ़े तीन लाख वोटों से चुनाव हराया था. यह सीट पूरे देश में चर्चित रही थी, लेकिन इस बार यह सीट पूरी तरह से खामोश हैं. अब तक ना तो संसदीय क्षेत्र में किसी बड़े नेता की सभा हुई है ना ही रोड शो जैसे आयोजन हुए हैं.
1989 से बीजेपी के कब्जे में भोपाल
भोपाल संसदीय सीट पर यूं तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही काबिज रही हैं, लेकिन साल 1989 से यह सीट बीजेपी के ही कब्जे में रही है. साल 1952 में सैदुल्लाह रजमी, चतुनारायण मालवीय कांग्रेस से विजयी हुए थे, इसके बाद 1957-1962 में मैमूना सुल्तान, 1967 में भारतीय जनसंघ से जगन्नाथराव जोशी, 1971 में कांग्रेस से शंकरदयाल शर्मा, 1977 में जनता पार्टी से आरिफ बेग लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे थे.
इसी तरह साल 1980 में कांग्रेस से फिर शंकरदयाल शर्मा, 1984 में कांग्रेस से केएन प्रधान सांसद रहे. इसके बाद 1989 से यह सीट बीजेपी के पास है. 1989 से 1998 तक चार बार सुशील चंद्र वर्मा यहां से चुनाव जीते, 1998 में उमा भारती, 2004-2009 में कैलाश जोशी, 2014 में आलोक शर्मा और 2019 के चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर सांसद हैं.
भोपाल संसदीय सीट में 8 विधानसभा
भोपाल लोकसभा सीट में कुला आठ विधानसभाएं आती है. जिसमें बैरसिया, भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा, हुजूर और सीहोर विधानसभा शामिल हैं. इनमें दो पर कांग्रेस, जबकि शेष 6 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.
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