MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस इंदौर में लोकसभा चुनाव की रेस से बहार हो गई है. कांग्रेस ने वैकल्पिक उम्मीदवार के रूप में मोती सिंह पटेल का फॉर्म भी भरवाया था, लेकिन अधूरे फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया गया. इधर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मोती पटेल ने सुनवाई की गुहार लगाई. कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन अपील खारिज कर दी गई. इसके बाद इस मामले में मोती पटेल ने डबल बेंच में सुनवाई की अपील की है. इस मामले में आज सुनवाई होनी है.


क्या है पूरा मामला?
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अक्षय कांति बम ने इंदौर से उम्मीदवारी वापस लेकर बीजेपी की सदस्यता ले ली. इसके बाद से ही राज्य में सियासी टेंशन बढ़ गई. अब अक्षय कांति बम के नामांकन वापसी के बाद डमी फॉर्म भरने वाले उम्मीदवार मोती सिंह पटेल ने बड़ी डिमांड रख दी है. मोती सिंह पटेल ने कांग्रेस का चुनाव चिन्ह मांगा है. यह मामला कोर्ट पहुंच गया और मंगलवार (30 अप्रैल) को इस पर सुनवाई हुई, लेकिन हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से मोती पटेल को राहत नहीं मिली. 


इसलिए उन्होंने डबल बेंच में सुनवाई की याचिका लगाई जिसपर आज सुनवाई होनी है. मोती सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया जाए, ये उनका अधिकार है. दरअसल मोती सिंह के एडवोकेट ने मीडिया में जानकारी दी है कि कांग्रेस ने अपने बी फॉर्म में दो उम्मीदवारों के नाम दर्ज कराए थे. इसमें अक्षय कांति बम का नाम अनुमोदित उम्मीदवार के नाम पर दर्ज था और मोती सिंह को वैकल्पिक प्रत्याशी रखा गया था. 


हालांकि, जिला निर्वाचन अधिकारी ने मोती सिंह का नाम निरस्त कर दिया था. वजह यह बताई गई थी कि उनके फॉर्म पर 10 प्रस्तावकों की जगह केवल एक व्यक्ति का नाम था. अब क्योंकि अनुमोदित उम्मीदवार ने नाम वापस ले लिया है तो बी फॉर्म के आधार पर मोती सिंह को अधिकृत प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए. क्योंकि अगर पार्टी की ओर से नामांकन फॉर्म जमा किया जाए तो उसमें प्रस्तावक के रूप में केवल एक व्यक्ति का होना काफी है.


कांग्रेस प्रत्याशी ने थामा BJP का दामन
बता दे 29 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब इंदौर से उम्मीदार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया. उन्होंने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के सामने अपनी उम्मीदवारी वापस ली. इसके बाद अपना फोन बंद कर दिया और कांग्रेस नेताओं से संपर्क तोड़ दिया. इसके कुछ समय बाद ही अक्षय बम ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. 




यह भी पढ़ें: MP Lok Sabha Election 2024: 'मैं सर्जन नहीं हूं लेकिन कांग्रेस का...', एमपी के CM मोहन यादव का निशाना