कमलनाथ के किसान कर्ज माफी के ऐलान पर बीजेपी का तंज, कहा- 'दूसरी बार धोखाड़ी संभव नहीं'
MP Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश की सियासत में किसानों का अहम रोल माना जाता है. यही वजह है कि किसान बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के सियासी केंद्र बिंदु में रहते हैं.
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा. उनके इस बयान के बाद सियासी गलियरों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि जनता और किसान कांग्रेस से एक बार धोखा खा चुके हैं. अब दूसरी बार किसानों के साथ धोखाधड़ी संभव नहीं है.
'सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ'
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस का वोट बैंक मजबूत करने के लिए एक बार फिर कर्ज माफी का बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में उनकी सरकार के कार्यकाल में 27 लाख किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ हुआ था.
किसानों से वादा करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि अब प्रदेश में लोकसभा चुनाव का माहौल बन चुका है. ऐसे अगर देश में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ होगा.
बीजेपी ने कमलनाथ पर लगाए ये आरोप
मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल कहा है कि साल 2018 के चुनाव में राहुल गांधी ने यह बयान दिया था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार में 15 महीने तक किसानों के साथ धोखाधड़ी हुई.
कमल पटेल ने कहा कि हालांकि बाद में किसानों ने इसकी शिकायत पुलिस में भी की. उन्होंने कहा कि एक बार जनता धोखा खा सकती है, मगर दूसरी बार अब जनता और किसानों के साथ धोखाधड़ी संभव नहीं है. अगर कमलनाथ ने कर्ज माफ किया तो फिर साल 2023 में उनकी सरकार क्यों नहीं बनी ?
किसान वोटर्स पर सियासी दलों का फोकस
माना जाता है कि मध्य प्रदेश में सत्ता की चाबी किसानों के पास है. किसान जिस तरफ आकर्षित होता है, उस पार्टी की सरकार बन जाती है. लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही किसानों को लेकर काफी गंभीर हैं. किसानों को लेकर मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं भी निकाली हैं.
एमपी में किसान सियासत का केंद्र बिंदु
भारतीय जनता पार्टी उन योजनाओं के बल पर एक बार फिर सत्ता हासिल करना चाहती है, जबकि कांग्रेस सत्ता परिवर्तन के लिए किसानों से कई बड़े वादे कर रही है. मध्य प्रदेश में 70 लाख किसान कृषि पर आधारित हैं. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में किसान सियासत के केंद्र बिंदु हैं.