किस्सा ए सियासत: मंच पर भाषण नहीं होते थे भजन, फिर भी चुनाव हार गए थे कांग्रेस के नेता
Lok Sabha Election 2024: MP की 29 में से 21 सीटों पर मतदान हो चुका है. अब 13 मई को देवास, उज्जैन, मंदसौर समेत आठ सीटों पर मतदान होना है. देवास सीट पर कांग्रेस ने प्रहलाद सिंह टिपानिया को उतारा था.
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों के लिए निर्वाचन प्रक्रिया जारी है. अब तक तीन चरणों में प्रदेश की 21 सीटों पर मतदान हो चुके हैं, जबकि अब आखिरी चौथे चरण में प्रदेश की शेष 8 सीटों पर मतदान होना है. इन आठ सीटों में देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा संसदीय सीट शामिल हैं.
चौथे चरण के मतदान 13 मई को होंगे. चुनावी संग्राम की इस प्रक्रिया के बीच हम किस्सा ए सियासत में लाए हैं, देवास संसदीय सीट का वह किस्सा, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी के मंच पर भाषण नहीं, बल्कि भजन हुआ करते थे.
लुभावनी बात करते हैं
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव हो या कोई भी चुनाव हो, सभी में भाषणों का विशेष महत्व होता है. मंचों के माध्यम से जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े दावे और घोषणाएं करते हैं, मतदाताओं को अपने प्रति वोट डालने के लिए प्रेरित करने लुभावनी बात करते हैं. लेकिन ठीक इसके विपरीत वर्ष 2019 में मप्र की देवास संसदीय सीट पर हुए चुनाव में भाषणों की जगह भजन सुनने को मिलते थे.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जज रहे महेन्द्र सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया था, जबकि कांग्रेस की ओर से कबीर भजन गायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपानिया को टिकट दिया था. हालांकि कबीर भजन गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया का राजनीति से दूर-दूर तक वास्ता नहीं था.
राजनीति के मंच पर भजन की डिमांड
मजेदार पहलू यह है कि कबीर भजन गायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपानिया के कबीर भजन देवास संसदीय सीट की सभी विधानसभा क्षेत्रों में खासे पसंद किए जाते हैं. उनके भजनों के लोग दिवाने हैं. नतीजतन जब 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में जनसभाओं का आयोजन होता था तो सामने बैठे लोग उनसे भाषणों की जगह भजन सुनाने की डिमांड किया करते थे. नतीजतन सामने बैठे लोगों की डिमांड पर भजन गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया कबीर के भजन सुनाया करते थे. कबीर भजनों के चलते मंच पर बैठे अन्य नेताओं के भाषण भी जनता सुनना पसंद नहीं करती थी.
फिर भी मिली थी हार
कबीर भजन गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया का राजनीति से दूर-दूर तक वास्ता नहीं रहा, उनकी छवि क्षेत्र में एक संत के रूप में है. नतीजतन प्रहलाद सिंह टिपानिया को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी के महेंद्र सिंह सोलंकी को 8 लाख 62 हजार 429 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रहलाद सिंह टिपानिया को 4 लाख 90 हजार 180 मत प्राप्त हुए थे और इस तरह प्रहलाद सिंह टिपानिया यह चुनाव 3 लाख 72 हजार 249 जैसे बड़े अंतर से हार गए थे.
बीजेपी ने सोलंकी पर फिर जताया विश्वास
देवास संसदीय सीट से बीजेपी ने एक बार फिर से महेंद्र सिंह सोलंकी पर भी विश्वास जताया है. जबकि कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय के पुत्र राजेन्द्र मालवीय को अपना उम्मीदवार बनाया है. देवास संसदीय सीट पर आगामी 13 मई को मतदान होना है. देवास संसदीय सीट में 8 विधानसभा शामिल हैं, वर्तमान में आठ ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी काबिज हैं.
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