रतलाम-झाबुआ में कांग्रेस ने एक ही सीट पर पिता-बेटे को बनाया उम्मीदवार, सामने आई ये बड़ी वजह
MP Lok Sabha Chunav 2024: रतलाम-झाबुआ सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया ने नामांतन दाखिल किया है. जिसको लेकर सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस पर तंज कसा है.
MP Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति और नामांकन भरने की रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. रतलाम-झाबुआ सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के साथ-साथ उनके पुत्र विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया. यहां तक की कांग्रेस की ओर से बी फार्म में भी कांतिलाल भूरिया के बाद डॉ. विक्रांत भूरिया का नाम लिखा गया है.
मीरा यादव का नामांकन रद्द होने पर लिया फैसला
कांग्रेस के विधायक और युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने यह खुलासा किया है कि खजुराहो में कांग्रेस समर्थित सपा उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन जिस तरीके से रद्द कर दिया गया और सूरत में भी निर्विरोध सांसद चुनने का मामला सामने आया. इसके बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव भी किया है. उन्होंने कहा कि उनके पिता कांतिलाल भूरिया के साथ-साथ उनके द्वारा भी नामांकन दाखिल किया गया ताकि किसी प्रकार की विपरीत परिस्थिति में कांग्रेस को बैक फुट पर ना आना पड़े.
विक्रांत भूरिया ने यह भी खुलासा किया है कि जब कांग्रेस ने उन्हें बी-फॉर्म जारी किया था तब उनके पिता के बाद दूसरे नंबर पर उनका नाम भी अंकित किया गया था. नामांकन में इस प्रकार की रणनीति मध्य प्रदेश में पहली बार देखने को मिल रही है. हालांकि कांतिलाल भूरिया का नामांकन स्वीकृत हो चुका है और विक्रांत भूरिया का नामांकन रद्द हो चुका है.
2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करें कांग्रेस- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे मामले में कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 को काफी हल्के में ले लिया है. कांग्रेस पार्टी को साल 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया के मुताबिक सभी नेता नामांकन भरने के लिए स्वतंत्र है लेकिन यदि कोई गलती करेगा तो उसका दंड उसे भुगतना पड़ेगा.
कांग्रेस चुनाव के प्रति गंभीर नहीं है, इसलिए खजुराहो में प्रत्याशी बदलने के बाद नामांकन भी नियम अनुसार नहीं भरा गया, जिसके कारण नामांकन रद्द हो गया.
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