Lok Sabha Election 2024: इंदौर में जहां बीजेपी ने अपने स्तर पर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देकर उन पर अमल करना शुरू कर दिया है. वहीं लोकसभा चुनावों की तारीखों के एलान के बाद भी कांग्रेस की तरफ से इंदौर में कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है. इसका बड़ा कारण है इंदौर से कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए कोई बड़े नेता का नाम उभरकर सामने नही आना. दरअसल सत्यनारायण पटेल पहले लोकसभा चुनाव लड़े और हारे, उसके बाद पंकज संघवी भी लड़े और हारे अब बीजेपी में हैं.  


सत्यनारायण पटेल चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके है. वहीं पंकज संघवी ने 3 दिन पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है. इधर पहले बात चली थी कि भंवर सिंह शेखावत आकर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन उन्होनें कहा कि मैं बदनावर में ही ठीक हूं मेरी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है. 


अक्षय कांति बम का नाम आया सामने 
ऐसे में अब केवल अक्षय कांति बम की ओर नेता टकटकी लगाकर देख रहे हैं. इंदौर से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने बीते दिनों एक बैठक का आयोजन किया. जिसमें संभावित नाम पर विचार किया गया. लेकिन यहां कार्यकर्ताओं की मांग थी कि इंदौर से पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को चुनाव लड़वाया जाए. वहीं अक्षय कांति बम के नाम पर भी सहमति बनी है लेकिन फिलहाल ये विचार ही चल रहा है अंतिम नाम सामने आना बाकी है.


35 साल से बीजेपी के कब्जे में इंदौर की सीट
इंदौर की लोकसभा सीट की बात करें तो ये सीट बीजेपी के कब्जे में बीते 33 सालों से है. कांग्रेस में अब इस बार बलि का बकरा बनने के लिए कोई भी नेता सामने नहीं आ रहा. क्योंकि नेताओं के सामने हार का मुंह देखने का संकट खड़ा है. पहले सुमित्रा महाजन यहां से 7 बार की सांसद रहीं और अब 2019 में शंकर लालवानी ने बीजेपी की जीत के सिलसिले को बनाए रखा है. वहीं राम मंदिर और सीएए जैसे मुद्दों के बाद बीजेपी पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़त लेती नजर आ रही है.


हालांकि ये बात ओर है कि कांग्रेस इसे चुनौती नहीं मानती है. शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने आश्वस्त किया कि इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी, प्रदेश व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विश्वास पर खरा उतरेगी. इंदौर का कार्यकर्ता संघर्ष से ना डरा है ना कभी डरेगा हम अपना खून पसीना बहाने से पीछे नहीं हटेंगे.


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