(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
किस्सा ए सियासत: इमरजेंसी में भी मजबूती से खड़ा था कांग्रेस का यह किला, 19 चुनावों में महज एक बार जीती BJP
Lok Sabha Election 2024: 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से कांग्रेस के गार्गीशंकर मिश्र को जीत मिली था, जबकि भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस के शंकरदयाल शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था.
MP Lok Sabha Elections 2024: किस्सा ए सियासत में हम लाए हैं इमरजेंसी के बाद साल 1977 में हुए चुनाव की वह यादें, जिसमें कांग्रेस का गढ़ छिंदवाड़ा मजबूती के साथ खड़ा रहा, जबकि भोपाल ढह गया था. 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से कांग्रेस के गार्गीशंकर मिश्र को जीत मिली था, जबकि भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस के शंकरदयाल शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था.
बता दें 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने के लिए भारत में आपातकाल घोषित था. इधर 18 जनवरी 1977 को इंदिरा गांधी ने लोकसभा भंग करते हुए घोषणा कि मार्च महीने में लोकसभा के लिए आम चुनाव होंगे. 23 मार्च 1977 को आपातकाल समाप्त हुआ.
16-20 मार्च तक छठें लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ. इसमें जनता पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई. इस चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली. इसके बावजूद मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा सीट पर जीत हासिल की थी.
19 चुनावों में महज एक बार जीती बीजेपी
छिंदवाड़ा संसदीय सीट की बात करें तो यहां अब तक 19 बार चुनाव हुए, जबकि यह 20वां चुनाव है. इन 19 चुनावों में बीजेपी को इस सीट पर महज एक बार ही जीत मिल सकी है. साल 1952 की बात करें तो यहां से कांग्रेस के रायचंद भाई शाह विजयी हुए, इसके बाद 1975 में नारायणराव वाडीवा, 1957 में भीकूलाल लक्ष्मीचंद, 1962 में भीकुलाल लक्ष्मीचंद, 1967 में गार्गीशंद मिश्रा, 1972 में गार्गीशंकर मिश्रा, आपातकाल के बाद हुए चुनाव में भी कांग्रेस के गागीशंकर मिश्रा, 1980 में कमलनाथ, 1984 में कमलनाथ, 1989 में कमलनाथ, 1991 में कमलनाथ, 1996 में कलमनाथ जीते.
इसके बाद 1997 में हुए उप चुनाव में बीजेपी के सुंदरलाल पटवा यहां से चुनाव जीते थे. वह एक साल तक रहे. इसके बाद फिर से यह साथ कमलनाथ परिवार के कब्जे में आ गई. 1998 में कमलनाथ फिर विजयी हुए, 1999 में कमलनाथ, 2004 में कमलनाथ, 2009 में कमलनाथ, 2014 में कमलनाथ और 2019 के चुनाव में कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ यहां से चुने गए, अब वर्तमान में भी नकुलनाथ ही यहां से कांग्रेस प्रत्याशी है.
आपातकाल में ढह गया था भोपाल
इधर भोपाल संसदीय सीट की बात करें तो आपातकाल में यह चुनाव कांग्रेस हार गई थी. 1997 में हुए चुनाव में कांग्रेस के शंकरदयाल शर्मा को जनता पार्टी के आरिफ बेग ने चुनाव हरा दिया था. बता दें भोपाल संसदीय सीट पर 17 बार चुनाव हुए हैं. आखिरी के नौ बार से इस सीट पर बीजेपी काबिज होती आ रही है. आपातकाल के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में दो बार सांसद रहे शंकरदयाल शर्मा यह चुनाव हार गए थे.