Satta Bazar Prediction: मध्य प्रदेश में BJP या कांग्रेस...किसकी बढ़ेगी टेंशन? सट्टा बाजार के आंकड़ों में बड़ा खुलासा
Satta Bazar Prediction MP: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर फलोदी सट्टा बाजार ने नतीजों को लेकर अपना अनुमान जारी किया है जिसमें कांग्रेस को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है.
MP News: बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में '400 पार' का नारा लगाया है और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) समेत पार्टी के सभी नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार में इसी नारे को बार-बार दोहराया और दावा किया है कि बीजेपी 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी. 4 जून को होने वाली मतगणना से पहले सट्टा बाजारों का आकलन सामने आ गया जिसने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है.
फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) के मुताबिक बीजेपी बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर जाएगी लेकिन अपने नारे के मुताबिक सीटें हासिल नहीं कर पाएगी. उधर, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को लेकर भी सट्टा बाजार का आंकड़ा बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन गया है.
फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक मध्य प्रदेश में कांग्रेस बेहतर स्थिति में दिख रही है. यहां उसे 29 में से 10 सीटें मिल सकती हैं जबकि 19 बीजेपी के खाते में जाएंगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 28 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस को केवल एक सीट संतोष करना पड़ा था. सट्टा बाजार ने एनडीए गठबंधन के लिए 304-306 सीटों का अनुमान जताया है तो वहीं कांग्रेस को 50 सीटें मिल सकती हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए को 353 सीटें हासिल हुई थीं जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए को 91 सीटें मिली थीं.
लोकसभा चुनाव का फ़ाइनल सर्वे
— MP Congress (@INCMP) May 30, 2024
कांग्रेस गठबंधन - 332 (+/-5)
बीजेपी गठबंधन- 196 (+/-5)
क्षेत्रीय दल/अन्य- 21 (+/-5)
4 तारीख़ आ रही है,
नई सरकार ला रही है।
कांग्रेस ने जारी किया अपना सर्वे?
सट्टा बाजार के अनुमान के उलट कांग्रेस ने अपना आंकड़ा पेश किया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के 'एक्स' हैंडल पर फाइनल सर्वे शेयर किया गया है. इसमें कांग्रेस गठबंधन के लिए 332 सीटें, बीजेपी गठबंधन के लिए 196 सीटें और क्षेत्रीय दलों के लिए 21 सीटें लिखी गई हैं. एमपी कांग्रेस ने आगे लिखा, ''4 तारीख़ आ रही है,
नई सरकार ला रही है.'' मध्य प्रदेश में चार चरणों में मतदान कराए गए थे. चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे.
(Disclaimer - सट्टा बाजार का आकलन इससे जुड़े लोगों की दिलचस्पी के आधार पर होता है. इसके आंकड़े किसी सर्वे या पोल से नहीं लिए गए होते हैं. ऐसे इस तरह के आकलन और नतीजों के सही होने के आसार बहुत कम ही होते हैं.)