Lok Sabha Elections: MP में BJP सदस्यता अभियान के बीच पूर्व CM के बेटे को नहीं मिल पाई सदस्यता, जानें क्या है वजह
MP Lok Sabha Elections: फिलहाल दीपक जोशी कांग्रेस के साथ ही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कुछ उम्मीदवारों को मैदान में उतार कर अपनी दावेदारी को और भी मजबूत कर दिया है.
MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने सदस्यता अभियान चला रखा है जिसमें 17000 से ज्यादा कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं, मगर आज भी पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी को सदस्यता नहीं मिल पा रही है. एक बार फिर दीपक जोशी ने कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार में अपनी हिस्सेदारी दिखाना शुरू कर दी है.
लोकसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश में रोज भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के नेताओं को बीजेपी ज्वाइन करा रही है. शायद ही कोई ऐसा दिन बच रहा है जिसमें बीजेपी के सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ रही हो. इसी बीच देवास जिले से दो बार विधायक रह चुके शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री दीपक जोशी को बीजेपी ने अभी तक नहीं अपनाया है. विधानसभा चुनाव के बाद से ही दीपक जोशी का कांग्रेस से मोह भंग हो गया था.
फिलहाल दीपक जोशी कांग्रेस के साथ ही है
हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सदस्यता नहीं दी, इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने एबीपी न्यूज़ से चर्चा के दौरान कहा कि वे कांग्रेस के साथ ही रहेंगे या फिर दूसरी पार्टी में ज्वाइन करेंगे, इसका फैसला 7 अप्रैल को हो जाएगा. फिलहाल दीपक जोशी कांग्रेस के साथ ही है.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कुछ उम्मीदवारों को मैदान में उतार कर अपनी दावेदारी को और भी मजबूत कर दिया है. दीपक जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया सहित दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारने से कांग्रेस को फायदा पहुंचाने की बात भी कही है.
वरिष्ठ नेताओं पर झूठे आरोप लगाए थे
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने चर्चा के दौरान कहा कि बीजेपी की सदस्यता लेना केवल नेता या कार्यकर्ता के हाथ में ही नहीं है बल्कि पूरी तरीके से फैसला संगठन को लेना होता है. पूर्व मंत्री दीपक जोशी को लेकर भी संगठन विचार करेगा कि उन्हें सदस्यता देना है या नहीं, क्योंकि पार्टी बदलने के साथ ही दीपक जोशी ने बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं पर झूठे आरोप लगाए थे. पहले उनकी नाराजगी दूर करने और माफी की प्रक्रिया होगी, उसके बाद सदस्यता को लेकर संगठन निर्णय सुनाएगा.
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