MP Elections Result 2024: मध्य प्रदेश में CM मोहन ने रचा इतिहास, आजादी के बाद पहली बार सभी 29 सीटों पर BJP का कब्जा
Lok Sabha Elections Result 2024: देश की आजादी के बाद से ही एमपी में कांग्रेस और बीजेपी का लोकसभा चुनाव में अच्छा-बुरा वक्त रहा, लेकिन यह पहला मौका है जब एमपी की सभी 29 सीटों पर बीजेपी जीती.
MP Lok Sabha Elections Result 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने यूपी, बिहार तक रोड शो और प्रचार-प्रसार किया, लेकिन मध्य प्रदेश में अपनी पकड़ ढीली नहीं होने दी. कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इतिहास रच दिया है. आजादी के बाद से पहली बार ऐसा मौका आया है, जब मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराया है.
देश की आजादी के बाद से ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी का लोकसभा चुनाव में अच्छा और बुरा वक्त रहा, मगर यह पहला मौका आया जब मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत दर्ज करवा दी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव का इस चुनाव परिणाम से पार्टी में कद बढ़ गया है.
हालांकि, 29 लोकसभा सीट को जीतने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस के गढ़ में लगातार सेंध लगाई. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस विधायक कमलेश प्रताप शाह को बीजेपी ज्वाइन कराई गई. इसके बाद महापौर को भी बीजेपी में लाया गया. इतना ही नहीं कांग्रेस के दो और मौजूदा विधायक चुनाव के पहले बीजेपी में शामिल हो गए. इससे लगातार बीजेपी का पलड़ा भारी होता चला गया.
42 विधायक तमाम बड़े नेता बीजेपी में शामिल
लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद लोकसभा चुनाव के पहले तक भारतीय जनता पार्टी ने 42 विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद और कांग्रेस के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर शामिल कांग्रेस नेताओं को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलवा दी. मध्य प्रदेश में पहली बार वार्ड और तहसील स्तर तक सदस्यता अभियान चला कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक सभी को बीजेपी में शामिल करने का अभियान चलाया गया.
27 सीटों पर ही कांग्रेस ने भाग्य आजमाया
मध्य प्रदेश के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ जब भारतीय जनता पार्टी के सामने कांग्रेस ने केवल 27 सीटों पर ही चुनाव लड़ा. खजुराहो लोकसभा सीट पर जहां "इंडिया" गठबंधन के प्रत्याशी ने नामांकन भरने में गलती कर दी, जिसके चलते उनका नामांकन निरस्त हो गया. वहीं इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी को समर्थन दे दिया. इस प्रकार आजादी के बाद से पहली बार केवल 27 सीट पर ही कांग्रेस चुनाव लड़ पाई.