Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में मोटरसाइकिल चोरी के मामले में आरोपी बनाने की धमकी देकर एक पुलिस वाले ने कारखाना संचालक से 50 हजार रुपये की डिमांड की. पुलिस कर्मचारी ने अपने दोस्त को रिश्वत की राशि लेने के लिए भेज दिया. इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि महाराष्ट्र के मलकापुर में रहने वाले दीपक पाटिल की ओर से शिकायत की गई थी.


शिकायत में उन्होंने कहा, उनके दोस्त अभिजीत विलास की मलकापुर में ईट बनाने की फैक्ट्री है, जहां पर नेपानगर बुरहानपुर के ठेकेदार के माध्यम से कुछ मजदूरों द्वारा काम किया जाता है. मजदूर 50 हजार का पेमेंट लेकर काम पर नहीं लौटे. इस पर ठेकेदार मजदूर की मोटरसाइकिल रख ली. इसके बाद मजदूर ने नेपानगर थाने में बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर दी. 


वहीं शिकयत मिलने के बाद प्रधान आरक्षक दयाराम सिल्वेकर चोरी के आरोप में फंसाने की धमकी देकर अभिजीत विलास से 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी, जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस से कर दी. लोकायुक्त ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर रिश्वत के 50 हजार रुपये लेकर फरियादी को आरक्षक दयाराम के पास भेजा था.


दोस्त को रिश्वत लेने के लिए भेजा
फरियादी ने जब प्रधान आरक्षक दयाराम सिलवेकर को फोन कर रिश्वत के पैसे देने की बात कही तो प्रधान आरक्षक ने बाहर होने की बात कही और अपने साथी को पैसे देने के लिए कहा. दयाराम सिल्वेकर ने लालबाग थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक पवन शर्मा को रुपये लेने के लिए भेज दिया. ऐसे में लोकायुक्त पुलिस ने पवन शर्मा को रंगे हाथों पकड़ लिया, जबकि दयाराम सिल्वेकर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. 


लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि दयाराम सिल्वेकर कहीं बाहर था, लेकिन उसे रिश्वत लेने की इतनी जल्दी थी कि उसने बुरहानपुर में सूर्यम रेजिडेंसी के मुख्य द्वार के बाहर कार्यवाहक प्रधान आरक्षक पवन शर्मा को भेज दिया. अब पवन शर्मा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत कार्रवाई की गई है.



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