Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में बीते दिनों एक सनसनीखेज वारदात हुई थी, जिसमें एक सिरफिरे आशिक ने बातचीत बंद करने के बाद लड़की को संक्रमित खून का इंजेक्शन लगा दिया था. इस मामले में आरोपी युवक ने पहले पुलिस को गुमराह किया और कहा कि भूतेश्वर महादेव मंदिर के सामने बैठे एक भिखारी का खून निकालकर उसने युवती को लगाया है. वहीं पुलिस जब भिखारी के पास पहुंची और उससे पूछताछ की, तो पुलिस के होश भी उड़ गए.


दरअसल आरोपी ने जिस खून का इंजेक्शन लड़की को लगाया था, वह इस भिखारी का नहीं था. अब पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह था कि यह खून आखिर है किसका? ऐसे में पुलिस ने फिर सख्ती के साथ आरोपी से पूछताछ शुरू की. वहीं इस पूछताछ के बाद इस केस में एक नया खुलासा हुआ. पुलिस को पता चला कि जो खून युवती को चढ़ाया गया, वह भिखारी का नहीं बल्कि एक मुर्दे का खून था.


मुर्दे का खून किया चोरी
बता दें युवक ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि उसने इंदौर के ही एक सरकारी हॉस्पिटल से एक मुर्दे का खून एक महिला की मदद से लिया था. इस मामले में खुलासा होने के बाद अब पुलिस उसे मुर्दे की तलाश कर रही है, जिसका खून निकाल कर युवती को चढ़ाया गया था. खून निकालने से लेकर लगाने तक की कड़ी को भी पुलिस जोड़ रही है. वहीं इस बीच करीब पांच आरोपियों को पुलिस ने चिन्हित कर लिया है, जिसमें से दो अभी फरार चल रहे हैं.


खून चुराने वाली महिला गिरफ्तार
इस पूरे मामले में एक सफाईकर्मी महिला को पुलिस ने पकड़ा है, जो अपने पति के कहने पर मुर्दे का खून लेकर आई थी. फिलहाल इस मामले में इंदौर पुलिस मनोरमा राज टीवी हॉस्पिटल से चुराए गए खून की जांच कर रही है.  पुलिस ने इस मामले में अस्पताल से करीब 6 महीने का रिकॉर्ड मांगा है. पुलिस को आशंका है कि यहां खून बेचने का रैकेट भी चल रहा है. वहीं ब्लू रॉयल चुराने वाली आरोपी महिला सफाईकर्मी संगीता कंडारे को पुलिस ने एक बार फिर रिमांड पर लिया है.


दो अरोपी फरार
बता दें इस मामले में कुल सात आरोपी हैं. इस मामले का मास्टरमाइंड किशोर पुरी है, जिसने छह अन्य लोगों के साथ मिलकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया. इस मामले में रोशन और आकाश दो आरोपी  फरार हैं, जिन्होंने लड़की को इंजेक्शन लगाया था. आरोपी किशोर कोरी ने बताया कि उसने करीब 6 महीने पहले यह इंजेक्शन खून से भरा हुआ लिया था और उसे फ्रिज में रख दिया था. 6 महीने तक वह मौके का इंतजार करता रहा और आखिरकार उसे 12 मार्च को यह मौका मिल गया.


उसने दो लोगों को इस बात के लिए पांच हजार रुपये दिए और भरे बाजार में युवती को इंजेक्शन लगवा दिया. डीपी ऋषिकेश मीणा ने बताया कि इसमें कुछ इन्वेस्टिगेशन पर जांच बाकी हैं, जैसे कि एक तो किस आदमी का ब्लड सैंपल आरोपियों ने कलेक्ट किया है. उसके बारे में हॉस्पिटल से बीते 6 महीने में मरे सभी लोगों की डिटेल्स मांगी गई है. मास्टरमाइंड किशोर कोरी समेत पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए है, जबकि दो अभी फरार हैं.  



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