(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
किन दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी इस बार एमपी मदरसा बोर्ड की परीक्षा? यहां जानें पूरी डिटेल
MP Madarsa Board: MP मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त और राज्य शिक्षा केन्द्र से डाइस कोड प्राप्त मदरसों की इस साल के परीक्षा के पेपर बनाने का काम राज्य शिक्षा केन्द्र के ब्लूप्रिंट के अनुसार होगा.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त और राज्य शिक्षा केन्द्र से डाइस कोड प्राप्त मदरसों की साल 2024-25 की वार्षिक और अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं पहले की तरह इस बार भी राज्य शिक्षा केन्द्र के दिशा-निर्देश और समय-सारणी अनुसार होगी. इसकी सूचना प्रदेश में संचालित सभी मदरसों को दी जा चुकी है.
इस निर्देश में कहा गया है कि, अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न-पत्रों के बनाने का काम राज्य शिक्षा केन्द्र के ब्लूप्रिंट के अनुसार होगा. हर विषय के प्रश्न-पत्रों की एक-एक प्रति बीआरसी कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा कराई जाए. इस संबंध में अन्य जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से भी प्राप्त की जा सकती है.
बता दें मध्य प्रदेश में अलग-अलग कारणों से कई मदरसे बंद हुए हैं. साल 2021 में सूबे में मदरसों की संख्या 2,689 थी. जानकारी के अनुसार, गैर-मुस्लिम छात्रों के नामांकन, खराब बुनियादी ढांचे और सरकारी लाभ पाने के लिए फर्जी नामांकन के आरोपों में अन्य 577 मदरसों के रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल रोक दिया गया है.
तीन साल में 37.5 फीसदी मदरसे बंद
मदरसों के रजिस्ट्रेशन को केस-टू-केस आधार पर रोका गया. कुल मिलाकर देखें तो मध्य प्रदेश में तीन वर्षों के दौरान 37.5 फीसदी मदरसे बंद हुए हैं. मदरसा बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, साल 2023 में जांच किए गए कुल मदरसों में से आधे से अधिक में 9,500 से अधिक गैर-मुस्लिम छात्र पढ़ते पाए गए थे.
हालांकि, विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के कारण इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. वहीं दिसंबर 2023 में नई सरकार ने शपथ ली, लेकिन उसके तुरंत बाद लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो गया. आखिरकार, 16 अगस्त को राज्य सरकार ने मदरसों पर नकेल कसने का फैसला किया.
वहीं एमपी मदरसा बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, दो महीने पहले तक मध्य प्रदेश में आधुनिक शिक्षा के साथ धार्मिक ज्ञान प्रदान करने के लिए केवल 1,100 मदरसे ही चलाए जा रहे हैं. बीते महीने राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा था कि सभी 1,677 मदरसों का नए सिरे से निरीक्षण किया जा रहा है. इनका पंजीकरण उपलब्ध सुविधाओं और रिजिस्टर्ड छात्रों की संख्या के आधार पर किया जाएगा.
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