Ujjain Makal Sawari 2024: सावन माह के पहले सोमवार भगवान महाकाल मन महेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे. उज्जैन में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने भगवान महाकाल की सवारी को लेकर गाइडलाइन जारी की है. 


प्रशासन ने इस गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया गया है. जो लोग पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि भगवान महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परंपरागत मार्ग से निकाली जायेगी. 


'भगवान को दिया जाएगा गार्ड ऑफ ऑनर' 
अपर कलेक्टर मृणाल मीना के मुताबिक, पालकी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे. भगवान महाकालेश्वर के मनमहेश स्वरूप की पूजन-अर्चन महाकाल मंदिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात भगवान पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे.


कार्यक्रम को लेकर अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि भगवान की सवारी मंदिर से अपने परंपरागत निर्धारित समय शाम 4 बजे निकलेगी. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के जरिये पालकी में विराजमान भगवान मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जायेगी.


इन रुट से निकलेगी पवित्र सवारी
भगवान महाकालेश्वर की पालकीमंदिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी. जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा. 


इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती कामंदिर, सत्यनारायणमंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपालमंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई दोबारा महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंचेगी.


जनजाति लोक कला की होगी प्रस्तुति
प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला और बोली विकास अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा. 


बीते 22 जुलाई को धार के भील जनजातीय भगोरिया नृत्य के सदस्यों का दल सवारी में प्रस्तुति हेतु सम्मिलित होगा.


जिला प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
कलेक्टर नीरज शिवकुमार सिंह सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की है कि सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कड़ाव रखें. दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें.


दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें. श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल जैसे सामान न फेंकें. सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें. इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें.


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