MP News: आदमखोर हो चुके बांधवगढ़ नेशनल पार्क के दो बाघों की छिनी आजादी, भेजे गए भोपाल
Bandhavgarh Tiger Reserve: भोपाल भेजे जाने वाले दो बाघों में से एक को मानपुर और दूसरे को मझखेता से रेस्क्यू किया गया था. टाइगर रिजर्व के संचालक के मुताबिक ये बाघ जंगल में सर्वाइव करने के लायक नहीं थे.
Bandhavgarh National Park: लंबे समय से आतंक मचा रहे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgadh National Park) के दो बाघों (Tiger) को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इनका नया ठिकाना अब भोपाल का वन विहार होगा. पिछले दिनों दोनों बाघों को बेहोश कर शहडोल जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क से भोपाल के वन विहार में भेज दिया गया. वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह दोनों आदमखोर बाघ 5 लोगों की जान ले चुके थे.
यहां बताते चले कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी जोन के बहेराहा इंक्लोजर में रखे गए दो बाघों को वन विहार भोपाल भेजा गया है. एक बाघ को पतौर तो दूसरे को मानपुर के मझखेता से रेस्क्यू कर पकड़ा गया था. इसके बाद दोनों बाघों के स्वभाव का अध्ययन कराया गया. विशेषज्ञों ने दोनों बाघों को जंगल में रहने के अनुकूल नहीं पाया, लिहाजा दोनों को वन विहार (चिड़ियाघर) भोपाल में शिफ्ट कर दिया गया है. इन दोनों बाघों को अब बची हुई जिंदगी खुले जंगल के बजाय वन विहार में ही गुजारनी होगी. इन दोनों टाइगर्स को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने पहले रेस्क्यू कर बाड़े में छोड़ा था.
जंगल में सर्वाइव करने के नहीं थे लायक
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पी के वर्मा ने बताया कि दोनों बाघ टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे गांवो के जंगल में विचरण कर रहे थे. वे लगातार मवेशियों का शिकार करने के अभ्यस्त हो चुके थे. इसके अलावा दोनों ने कई बार ग्रामीणों के ऊपर हमला कर जनहानि को भी अंजाम दिया था. वर्मा के मुताबिक ये दोनों बाघ जंगल के भीतर सर्वाइव करने लायक नहीं थे. अगर इन्हें जंगल में छोड़ा जाता है तो ये भूख से या फिर किसी बड़े बाघ के हमले में मारे जाते. लिहाजा इनके जीवन की रक्षा के लिए भोपाल के वन विहार में शिफ्ट कर दिया गया है. रवाना करने से पहले एक्सपर्ट्स ने दोनों बाघों की जांच की थी.
दोनों बाघ ले चुके 5 लोगों की जान
पार्क प्रबंधन के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ये दोनों बाघ अब तक 5 लोगों की जान ले चुके हैं. पतौर इलाके से पकड़े गए एक बाघ ने दो लोगों पर हमला कर उन्हें मार दिया था, जबकि एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. वहीं, मानपुर एरिया से पकड़ा गया बाघ ज्यादा आक्रामक था. उसने तीन लोगों की जान ली थी. ये दोनों टाइगर 6 माह पहले रेस्क्यू किए गए थे और उसके बाद से टाइगर रिजर्व के मगधी जोन के बहेराहा इनक्लोजर में रखे गए थे.
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