MP Politics News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) अब अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं. हाल ही में नागपुर से लौटी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) लगाकार शिवराज सरकार से खफा नजर आ रहीं हैं. पिछले दिनों उन्होंने शिवराज सरकार की शराब नीति पर भी खुलकर निशाना साधा था. इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कई ट्वीट भी किए थे. जिसके बाद ये बात जगजाहिर हो गई कि भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश में शराब की बेरोकटोक बिक्री हो रही है जबकि गैर बीजेपी सरकार वाले राज्यों में शराब बंदी के दबाव बनाए जाते हैं.
उमा भारती ने ट्वीट कर शिवराज सरकार की शराब नीति पर साधा निशाना
गौरतलब है कि उमा भारती ने शिवराज सरकार की शराब नीति के खिलाफ शुक्रवार को सिलसिलेवार कई ट्वीट किए. उन्होंने अपने एक ट्वीट मे कहा, “ मैं मध्य प्रदेश की महिलाओं एवं बेटियों के साथ हूं, शराब खोरी के शिकार हो गए बेटों के लिए भी चिंतित हूं, उनकी इज्जत एवं जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं इस पर शर्मिंदा भी हूं.”
गैर भाजपा शासित प्रदेशों में बीजेपी शराब नीति का कर रही विरोध-उमा भारती
अपने अगले ट्वीट में उमा भारती ने लिखा, “ छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी की राज्य की इकाइयां इसी प्रकार की शराब की नीति के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं.
क्या है शिवराज सरकार की नई शराब नीति
बता दें कि राज्य की नई शराब नीति के अनुसार, भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) की कीमतों में 20 प्रतिशत की कटौती की गई है और विदेशी निर्मित शराब पर उत्पाद शुल्क में 3 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिससे शराब काफी सस्ती हो गई है. साथ ही, नीति में शराब के टेट्रा पैक उपलब्ध कराने का प्रावधान है और देय लाइसेंस शुल्क लेने के बाद चयनित सुपर बाजारों में वाइन काउंटरों को अनुमति देने पर विचार किया गया है.
उमा भारती के अलावा बीजेपी पार्टी के कई नेताओं के हुए शिवराज सरकार विरोधी स्वर
वैसे बता दें कि उमा भारती ही नहीं शिवरार सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री उमाशंकर भी धरना दे चुके हैं. वहीं रीवा जिले में भी नई शराब नीति के तहत खोली गई दुकान में बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी ने हंगामा खड़ा कर दिया था. इस दौरान मारपीट तक नौबत पहुंच गई थी.
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