(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ढूंढते रह जाओगे! सब्जी की बाल्टी में खोजने पर भी नहीं मिला आलू, मिड डे मील की जांच के लिए पहुंचे थे मंत्री
Gwalior News: सरकार स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपये खर्च करती है, लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मिड डे मील की पोल खुल गयी है.
MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड डे मील की पोल खुली है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर डीआरपी लाइन स्थित पीएमश्री स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. औचक निरीक्षण में मंत्री के सामने खाने की गुणवत्ता का भंडाफोड़ हो गया. सरकारी स्कूल में दोपहर को पहुंचे ऊर्जा मंत्री ने मिड डे मील की गुणवत्ता जांचने का फैसला किया. मंत्री के सामने आलू की सब्जी परोसी गयी. हैरानी की बात है कि बाल्टी से भरी सब्जी में मंत्री आलू ढूंढते रह गये.
करछुल से बाल्टी में ढूंढने के बावजूद ऊर्जा मंत्री को आलू नहीं मिला. मंत्री के साथ समर्थक भी पहुंचे थे. एक समर्थन को सब्जी में कचरा नजर आया. उसने करछुल से कचरा निकाल कर फेंक दिया. बच्चों को परोसे जाने वाले खाने में अनियमितता देख मंत्री भी थोड़ी देर के लिए असहज हो गये. उनके सामने खाना खाने का एकमात्र विकल्प बचा था. मंत्री ने मिड डे मील खा लिया. मिड डे मील की गुणवत्ता जांचने के बाद मंत्री रवाना होने को खड़े हुए.
मध्य प्रदेश की BJP सरकार के एक मंत्री हैं।
— Congress (@INCIndia) September 20, 2024
एक दिन उन्हें किसी ने बताया कि मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को 'वर्ल्ड क्लास' भोजन कराया जाता है।
ये बात सुनकर मंत्री जी के मुंह में पानी आ गया। कार्यक्रम तय हुआ। मंत्री जी सरकारी स्कूल में पहुंचे और 'वर्ल्ड क्लास' खाना… pic.twitter.com/TwOeXTalZ4
मंत्री के सामने खुली मिड डे मील की कलई
पत्रकारों ने बच्चों के खाने की गुणवत्ता का सवाल पूछ लिया. उन्होंने मिड डे मील में गड़बड़ी को स्वीकार करने के बजाय उन्होंने बहाने बनाये. मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि खाना गर्म नहीं था.
उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों का पूरा ख्याल रखती है. इसलिए मिड डे मील की गुणवत्ता जांचने स्कूल पहुंचे थे. बता दें कि सरकार मिड डे मील योजना पर लाखों रुपये करती है. योजना का मकसद बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ सरकारी स्कूलों में उपस्थिति को भी बढ़ाना है. बच्चों के खाने में अनियमितता मिलने से सरकार के दावों की पोल खुल जाती है.
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