Garba Mahotsav: 'गरबा महोत्सव में आने वाले लोगों...', एमपी के मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी का बड़ा बयान
Garba Mahotsav 2024: एमपी के मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा है कि अगर गरबा महोत्सव में सत्यापन प्रक्रिया है और प्रवेश आधार कार्ड के आधार पर है, तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है.
Garba Mahotsav 2024 News: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने गरबा महोत्सव को लेकर बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि गरबा महोत्सव में आने वाले लोगों का सत्यापन होना चाहिए क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व भी प्रवेश कर सकते हैं. इससे कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं जो नहीं होनी चाहिए.
धर्मेंद्र सिंह लोधी ने ने आगे कहा, "मेरा मानना है कि अगर सत्यापन प्रक्रिया है और प्रवेश आधार कार्ड के आधार पर है, तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है."
Bhopal: MP Cabinet Minister Dharmendra Singh Lodhi says, "People who come for the Garba Mahotsav should undergo verification because some anti-social elements may also enter. This sometimes creates situations that shouldn't occur. I believe that if there is a verification process… pic.twitter.com/JQj7TocrGe
— IANS (@ians_india) October 3, 2024
बीजेपी नेता ने कही थी गोमूत्र पिलाने की बात
गौरतलब है कि इससे पहले इंदौर में बीजेपी जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा गरबा पंडालों में आने वाले लोगों को गोमूत्र पिलाने की बात कही थी. हालांकि, वे अपने बयान से पलट गए थे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनका बयान गलत तरीके से लिया गया. उन्होंने सोमवार को कहा था कि गरबा पंडालों में आने वाले लोगों को को गोमूत्र पिलाएं, अगर व्यक्ति हिंदू होगा, तो उसे गोमूत्र पीने में कोई दिक्कत नहीं होगी. लोग पंडाल में एंट्री पाने के लिए तिलक लगा लेते हैं. आजकल आधार कार्ड भी एडिट हो जाते हैं. उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था.
चिंटू वर्मा ने इसके बाद उन्होंने सफाई दी. उन्होंने कहा, “सोमवार को मैंने बहुत पवित्र भाव और मन से अपनी बात रखी थी, लेकिन कांग्रेस और कुछ लोगों ने उसे विवाद का रूप दे दिया. मेरा मानना है कि हर किसी की अपनी धार्मिक मान्यताएं होती हैं और हमारे देश भारत में सर्वधर्म समभाव की परंपरा है. मेरे व्यक्तिगत विचार किसी भी प्रकार की अनिवार्यता या रोक-टोक का समर्थन नहीं करते. मेरा विचार बहुत पवित्र था. हम सनातन संस्कृति के अनुयायी हैं और ऋषि-मुनियों के समय से चली आ रही परंपराओं का पालन करते हैं."
बीजेपी नेता ने कहा था, "मैं समझता हूं कि मेरे व्यक्तिगत विचार को विवाद का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए. यह विचार हमारी आस्था से जुड़ा हुआ है और इसे सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए. भारत में सभी त्योहारों को मनाने की अपनी परंपराएं हैं और सभी को अपनी आस्था के अनुसार मनाने का अधिकार है. धार्मिकता और पवित्रता के साथ, मैंने अपनी आस्था को व्यक्त किया. इसे वाद-विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए, यह एक आस्था का मामला है, और इसे आस्था की तरह ही रहना चाहिए."