Watch: एमपी के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गाया गाना, फिर जमकर किया डांस, वजह है खास
Kailash Vijayvargiya News: एमपी के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर के विश्व रिकार्ड बनाने पर जमकर डांस किया और वह मौजूद जन समुदाय के बीच गाना गाते हुए झूम कर नाचे.
Kailash Vijayvargiya Latest News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में आखिरकार एक साथ 11 लाख पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है. अब तक यह रिकॉर्ड असम के नाम था, जिसने एक साथ 926000 पेड़ लगाए थे. इंदौर में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की इस मुहिम के चलते लाखों की तादात में शहर की रेवती रेंज पहाड़ी पर हजारों लोग पेड़ लगाने के लिए पहुंचे.
रविवार (14 जुलाई) की शाम होते-होते इंदौर ने असम का यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए करीब 12 घंटे में 11 लाख पेड़ लगाए. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने मौके पर ही तमाम पेड़ों का रिकॉर्ड दर्ज करने के साथ ही इंदौर द्वारा एक दिन में 11 लाख से ज्यादा पेड़ लगाने के विश्व रिकॉर्ड की औपचारिक घोषणा की है. इस ऐलान के बाद कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय खुशी में डांस करते नजर आए.
रिकॉर्ड बनते ही विजयवर्गीय ने किया डांस
इस दौरान वहां पौधे लगा रहे बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों के साथ शहर के अलग-अलग समाज के लोगों और छात्रों ने इस घोषणा का नाच-गाकर स्वागत किया. मौके पर मौजूद कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर के विश्व रिकार्ड बनाने पर जमकर डांस किया और वह मौजूद जन समुदाय के बीच गाना गाते हुए झूम कर नाचे. इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में लोगों ने भी इस वर्ल्ड रिकॉर्ड पर नाचते गाते हुए खुशियां मनाई.
Indore: During the 'Ek Ped Maa Ke Naam' campaign, Madhya Pradesh Minister Kailash Vijayvargiya Sang a song, danced and celebrated pic.twitter.com/5Ph3g4K44x
— IANS (@ians_india) July 14, 2024
इस मौके पर विजयवर्गीय ने कहा कि 'यह इंदौर की जनता का जज्बा है. जिसने प्रधानमंत्री के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर मूर्त रूप दिया है. इसके लिए हम सभी इंदौर की जनता के आभारी हैं. जिसने पर्यावरण और अवरोहण के लिए आगे आकर पौधारोपण किया और इस अभियान को सफल बनाया है.'
दरअसल, एक पेड़ मां के नाम महाअभियान के चलते इंदौर में शहर के रेवती रेंज पहाड़ी पर 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. बीते 46 दिनों में अथक मेहनत के बाद विजयवर्गीय की टीम ने विशेषज्ञों की मदद से रेवती रेंज को 9 जोन में विभाजित किया. फिर इन्हें सब जोन में बांटकर गड्ढों की टेकिंग करने के बाद शहर के अलग-अलग समाज के लोगों के साथ अलग-अलग वर्ग को पेड़ लगाने की जिम्मेदारी दी थी.