Jabalpur: केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए मोदी सरकार ने जारी की पहली किस्त, मंत्री तुलसी सिलावट ने की पुष्टि
जबलपुर प्रवास पर आए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने दावा किया कि 70 प्रतिशत अन्नदाताओं के खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है. फिलहाल 45 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई हो रही है.
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Jabalpur News: केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) के लिए मोदी सरकार ने पहली किस्त जारी कर दी है. जबलपुर प्रवास पर आए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (Water resources minister Tulsi Silavat) ने पुष्टि की है. उन्होंने दावा किया कि 70 प्रतिशत अन्नदाताओं के खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है. फिलहाल 45 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई हो रही है और साल 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है. जल संसाधन मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि शिवराज सरकार का संकल्प हर किसान के खेतों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है.
44 हजार करोड़ राशि की पहली किस्त मिली
मंत्री सिलावट ने आगे कहा है कि सिंचाई से संबंधित कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है. केन-बेतवा लिंक परियोजना पर काम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकार मिलकर काम करेगी. उन्होंने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 44 हजार करोड़ राशि की पहली किस्त मिलने की पुष्टि भी मंत्री तुलसी सिलावट ने की है. तुलसी सिलावट का दावा है कि बुंदेलखंड में पानी की कमी दूर करने के लिए सरकार मुस्तैदी के साथ काम कर रही है.
केन-बेतवा नदी परियोजना से बदलेगी तस्वीर
तुलसी सिलावट ने ग्वालियर चंबल में माधवराव सिंचाई परियोजना के शुरू करने की भी जानकारी दी और बताया कि 6000 करोड़ की योजना में सर्वे का काम पूरा हो चुका है. बता दें कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बड़े भू-भाग की तस्वीर बदलने वाली है. परियोजना पूरी होने से दोनों राज्यों के बुंदेलखंड इलाके की करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो सकेगी और 62 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा. प्रोजेक्ट के तहत 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट बनाया जायेगा.
रोजगार के अवसर बढ़ाने और पलायन दूर करने में परियोजना काफी कारगर साबित होगी. केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिले आते हैं. मध्य प्रदेश के 9 जिलों में पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले हैं. योजना से सभी जिलों को पेयजल के साथ सिंचाई में लाभ होगा. माना जा रहा है कि करीब साढ़े नौ लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा. उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों की स्थिति में सुधार और आय में भी वृद्धि होगी.
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