- वेतन: 30 हजार रुपये
- निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 35 हजार रुपये
- भत्ता: 10 हजार रुपये
- चिकित्सा भत्ता: 10 हजार रुपये
- कंप्यूटर ऑपरेटर भत्ता: 15 हजार रुपये
- लेखन सामग्री और डाक भत्ता: 10 हजार रुपये
- कुल वेतन और भत्ता: 1 लाख 10 हजार रुपये
जबलपुर कैंट से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी से जब एबीपी न्यूज़ ने इस विषय में बात की तो उन्होंने साफ किया कि वे जनसेवक हैं, इसलिए व्यक्तिगत रूप से वेतन-भत्ते बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन यह वास्तविकता है कि जनसेवा के काम में इससे कहीं ज्यादा खर्च होता है. बरगी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक संजय यादव ने कहा कि जितना वेतन-भत्ता मिलता है, खर्च उससे कहीं ज्यादा होता है.
मेघालय में विधायक को मिलते हैं सिर्फ 20 हजार रुपए
अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो मेघालय में विधायक को सिर्फ 20 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है. वहीं मध्य प्रदेश के विधायक उनसे करीब पांच गुना ज्यादा एक लाख 10 हजार रुपए वेतन-भत्ते पा रहे हैं. महाराष्ट्र के विधायक तो उनसे दस गुना ज्यादा दो लाख 32 हजार रुपए वेतन-भत्ते पाते हैं. साल 2020 में मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों के वेतन-भत्तों को बढ़ाने की कवायद जब शुरू की गई थी तो देशभर की विधानसभा के वेतन-भत्तों का तुलनात्मक अध्ययन हुआ था. उससे ही यह चौंकाने वाला अंतर सामने आया था.
छत्तीसगढ़ की तुलना में एमपी के विधायकों को ज्यादा मिलती है सैलरी
पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश और असम के विधायकों को मेघालय के विधायक से छह गुना तक ज्यादा वेतन-भत्ते मिलते हैं. वहीं,मध्य प्रदेश में विधायकों के वेतन-भत्ते छत्तीसगढ़ के विधायकों से 30 हजार रुपये ज्यादा हैं. मध्य प्रदेश में अप्रैल 2016 में विधायकों के वेतन-भत्तों में आखिरी बार वृद्धि की गई थी. इसके बाद पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद इसे फिर बढ़ाने पर विचार किया था. विधानसभा उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी भी बनी थी, लेकिन इसकी सिर्फ कुछ बैठकें ही हो सकीं थीं. सरकार गिरने के साथ ही समिति का अस्तित्व भी समाप्त हो गया था.
जानें- किस राज्य में कितने वेतन-भत्ते मिलते हैं...
- मेघालय- 20 हजार
- ओड़िशा- 65 हजार 170
- केरल- 70 हजार
- छत्तीसगढ़- 80 हजार
- दिल्ली- 88 हजार
- पंजाब- 94 हजार
- राजस्थान- 1 लाख 12 हजार 500
- अरुणाचल- 1 लाख 20 हजार
- असम- 1 लाख 20 हजार
- गुजरात- 1 लाख 20 हजार 256
- बिहार- 1 लाख 30 हजार
- झारखंड- 1 लाख 38 हजार
- हरियाणा-1 लाख 75 हजार
- महाराष्ट्र- 2 लाख 32 हजार 64
ये भी पढ़ें-