MP News Today: मध्य प्रदेश सरकार ने गेंहू की सरकारी खरीदी पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार (11 मार्च) को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि रबी सीजन 2024-25 के लिए गेहूं खरीदी पर यह बोनस दिया जाएगा. वहीं, आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने वादा पूरा न करने पर सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है.


बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में खाद्यान्न उपार्जन सहित अन्य कामों के लिए 30,000 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई. रबी सीजन 2024-25 के लिए सरकारी गेहूं की खरीदी पर प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस देने का फैसला इस बैठक में लिया गया. इससे सरकार पर 3850 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आएगा. 


दरअसल, अभी गेंहू का समर्थन मूल्य 2275 रुपये हैं, जो बोनस के बाद 2400 प्रति क्विंटल पर हो जाएगा. वैसे, बीजेपी ने चुनावी घोषणापत्र में मोदी की गारंटी के रूप में गेहूं पर 2700 रुपये प्रति क्विंटल और धान पर 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य का वादा किया था.


भारतीय किसान संघ ने जताई नारजागी
वहीं, भारतीय किसान संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने सरकार पर वादा पूरा न करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ के प्रदेश व्यापी आंदोलन के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य 2275 पर 125 रुपये बोनस देने का प्रस्ताव पास किया हैं, जो मोदी की गारंटी के मुताबिक नहीं है.


भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कहा, "मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने संकल्प पत्र में गेहूं पर 2700 रुपये और धान पर 3100 रुपये देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने मोदी की गारंटी के नाम से प्रचारित किया था." उन्होंने कहा कि इसी गारंटी के आधार पर किसानों ने भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास करते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई थी."


'सरकार के फैसले से प्रदेश के किसान निराश'
कमल सिंह आंजना ने आरोप लगाते हुए कहा, "अब सरकार ने अपना वादा पूरा न करते हुए किसानों को बोनस के नाम पर सिर्फ 125 रुपये गेंहू खरीदी पर देने की घोषणा की है, जबकि धान पर अभी भी कोई बात नहीं की है. इससे प्रदेश के किसानों को निराशा हुई है." उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ इस मूल्य से संतुष्ट नहीं है और किसानों के साथ हुई वायदा खिलाफी का विरोध करता है. 


एमएसपी को लेकर भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह ने कहा, "जब तक सरकार गेंहू पर 2700 का भाव और धान पर 3100 रुपये का भाव देना सुनिश्चित नहीं करती है, तब तक भारतीय किसान संघ किसानों के हित में लड़ाई लड़ता रहेगा."


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