MP Nagariy Nikay Chunav 2022 Results: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के गढ़ छिंदवाड़ा (Chhindwara) में पिछले 18 सालों से नगर सरकार (Chhindwara Nagar Nigam) में काबिज होने का सपना देख रही कांग्रेस (Congress) का इंतजार रविवार को समाप्त हो गया. यहां बीजेपी (BJP) के किले को ध्वस्त कर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया. कांग्रेस के विक्रम आहाके (Vikram Ahake) न केवल महापौर का चुनाव जीते, बल्कि परिषद में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत भी मिल गया.
माना जा रहा था कि यहां कमलनाथ के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई थी. बीजेपी ने तमाम तरह से उन्हें घेरने की कोशिश की थी. कमलनाथ ने भी रोड शो और रैली करके प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी छिंदवाड़ा में बीजेपी का 18 साल पुराना मजबूत किला बचाने पहुंचे थे. उन्होंने अपने प्रत्याशी के पक्ष में जमकर प्रचार किया था. बता दें कि विक्रम आहाके मेयर का चुनाव लड़ने वालों में बेहद गरीब प्रत्याशी थे. उन्होंने अपनी संपत्ति सिर्फ तीन लाख रुपये बताई थी, जिसमें 50 हजार रुपये का कर्ज भी शामिल है.
छिंदवाड़ा में स्थानीय निकाय का ऐसा रहा है इतिहास
छिंदवाड़ा में लगभग 18 साल से स्थानीय निकाय में बीजेपी का राज था. 2014 के पहले छिंदवाड़ा में नगर पालिका हुआ करती थी. 2014 में इसे नगर पालिका से नगर निगम बना दिया गया. इसके बाद 2015 में यहां पर पहली बार नगर निगम के लिए चुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी की कांता सदारंग पहली महापौर चुनकर आई थी. लगभग सात साल के लंबे इंतजार के बाद छह जुलाई 2022 को नगर निगम में नए महापौर और पार्षदों के लिए मतदान हुआ.
कमलनाथ ने इस युवा आदिवासी पर खेला दांव
इस बार महापौर पद के लिए 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, लेकिन सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच था. बीजेपी ने जहां नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर पदस्थ रहे अनंत धुर्वे को अपना महापौर प्रत्याशी बनाया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने युवा आदिवासी नेता विक्रम आहाके को मैदान में उतारा.
इतने मतों से जीता कांग्रेस उम्मीदवार
नगर निगम छिंदवाड़ा के लिए 69 प्रतिशत मतदान हुआ. रविवार को स्थानीय पीजी कॉलेज परिसर में मतगणना आरंभ हुई. मतगणना के दौरान पहले राउंड से ही बढ़त बनाए कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विक्रम आहाके अंततः छठे राउंड की मतगणना पूर्ण होने के बाद 3,784 मतों से विजयी हुए. इस प्रकार आदिवासी युवा चेहरे ने कांग्रेस के 18 साल के वनवास को खत्म किया.
48 वार्डों में कांग्रेस और बीजेपी ने इतने जीते
इसके साथ ही नगर निगम के 48 वार्डों में कांग्रेस के 26, बीजेपी के 18 और चार निर्दलीय पार्षद जीते. 18 साल के बाद स्थानीय नगरीय निकाय चुनाव में मिली जीत से कांग्रेसी उत्साह में दिखे और मतगणना स्थल के बाहर उन्होंने जमकर खुशी मनाई. मतगणना के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कांग्रेस के विजयी महापौर प्रत्याशी और 48 वार्डों के सभी विजयी उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.